जो हम सोचते हैं, वही हम बन जाते हैं

उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक अपना लक्ष्य प्राप्त ना कर लो

संसार में कोई भी कमजोरी या दुर्बलता नहीं होनी चाहिए

आप जितना अपने अंदर से करुणा, दयालुता और प्रेम से भरे होंगे, वह संसार को भी उसी तरह पायेंगे

भय और अपूर्ण वासना ही समस्त दुःखों का मूल है