साम्राज्यवाद का नाश हो। 

– भगत सिंह

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है।

– भगत सिंह

बम और पिस्तौल क्रांति नहीं करते। क्रांति की तलवार विचारों के पत्थर पर तेज होती है।

– भगत सिंह

मेरे खून का एक-एक कतरा इंकलाब लाएगा। 

– भगत सिंह

प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।

– भगत सिंह

आलोचना और स्वतंत्र सोच एक क्रांतिकारी के दो अनिवार्य गुण हैं।

– भगत सिंह

मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।

– भगत सिंह

इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है।

– भगत सिंह