Top 3 Story For Kids In Hindi | छोटे बच्चों के लिए हिंदी कहानियां :- बच्चों को कहानियां पढ़ना बहुत पसंद होता है और छोटे बच्चों के लिए हिंदी कहानियां बहुत महत्वपुर्ण होती है क्योंकि कहानियां बच्चों का भाषा का विकास, सांस्कृतिक विकास, मानसिक विकास करने में मदत करती है। बच्चों को नैतिक कहानियां और पंचतंत्र की कहनियां भी पढ़ना बहोत अच्छा लगता है।
अक्लमंद कौवे की कहानी-Top 3 Story For Kids In Hindi
एक जंगल में एक बरगद का बहुत बड़ा पेड था। उस उसपर कुछ कौओं के परिवार रहते थे। उन सब में एक होशियार और दूरदृष्टि वाला कौआ था। सब उस कौवे का आदर करते उसको ताऊ कहकर बुला ते थे।
एक दिन ताऊ एक छोटी बेल को पेड के तने पर लिपटे हुए पाया और तभी ताऊ ने सभी दूसरे कौओ को बुलाया और कहा “देखो, इस बेल को अभी नष्ट कर दो नहीं तो एक दिन यह बेल हम सब को मौत के मुँह में ले जाएंगी।”
तभी उनमेसे एक नौजवान कौवे ने कहा “ताऊ ये छोटी बेल हम सब को कैसे मौत के मुँह में ले जाएंगी?”
तब उस होशियार कौवे ने उनको समझाया “आज यह बेल तुम्हे छोटी सी लग रही है। पर यह धीरे-धीरे बढ़कर पेड के सारे तनो को लपेटा मार देंगी और हमारे घोंसलो तक आजाएगी।”
फिर कुछ दिनों बाद बेल का तना मोटा हो जाएगा और पेड से चिपक जाएगा तब निचे से ऊपर तक चढ़ने के लिए सीढ़ियां बन जाएंगी। कोई भी शिकारी बेल के सहारे पेड पर चढ़कर आसानी से हम तक पहुँच जाएगा और हम सब मारे जाएंगे।
कौओ को ताऊ की यह बात समझ नहीं आइ और उन सब कौओ ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। इतनी दूर की सोच रखने के लिए उनमे ताऊ जैसी अकल ही कहा थी।
कुछ दिन बीत गए और समय के साथ बेल भी अब बड़ा हो गया था। बेल अब पेड को लिपटकर पेड की सारी डालियों तक पहुँच गया था। बेल का तना अब मोटा हो गया था और सचमुच अब पेड पर एक सीढी बन चुकी थी।
तब जाकर सबको ताऊ की बात सच लगने लगी थी। अब बेल इतना बढ़ चूका था की उसे नष्ट करना अब कौओ के बस की बात नहीं थी। एक दिन सभी कौवे खाने के लिए बाहर चले गए तभी एक शिकारी उस पेड के पास आया और उसने देखा की उस पेड पर बहुत सारे कौवो के घोसले है और उस पेड पर चढ़ने के लिए एक मोटी बेल की सीढ़ी बनी हुई है। तभी शिकारी ने पेड पर चढ़कर जाल फसा दिया और चला गया।
कुछ देर बाद सभी कौवे लौटे तो वो सब उस शिकारी के जाल में फस गए तभी उन सभी को ताऊ की कही हुई बात याद आने लगी और सब अपने आप को कोसने लगे।
ताऊ सबसे नाराज था और चुप बैठा था। तभी एक कौवे ने हिम्मत करके कहा “ताऊ हम मुर्ख है लेकिन आप हम से नाराज मत हो जाओ” और तभी दूसरा कौआ बोला इन सब में से ताऊ सिर्फ तुम ही हमें इस संकट से बाहर निकाल सकते हो। कोई तरकीब लगो ताऊ और कहा आगे से हम तेरी कोई भी बात नहीं टालेंगे।
सभी कौओ ने हामी भरी और तभी ताऊ बोला “मेरी बात ध्यान से सुनो। सुबह जब शिकारी आएगा तुम सब मरे होने का नाटक करना तभी शिकारी तुम्हे मरा हुआ समझकर जाल से निकाल कर जमीन रखने लगेगा। वहा भी सभी मरे पड़े हुए रहना जब तक वो अंतिम कौवे को वो निकाल के जमीन पर रख दे। जैसे ही वह अंतिम कौवे को जमीन पर रख दे तभी मैं सिटी बजाऊंगा तुम सब एकसाथ सभी उड़ जाना।”
सुबह जब शिकारी आया तब कौवो ने वैसा ही कहा जैसा की ताऊ ने कहा था और वह सभी कौवो को मरा हुआ समझकर जमीन पर रखता चला गया जैसे उसने अंतिम कौवें को जमीं पर रख दिया तभी ताऊ ने सिटी बजाई और सभी कौवे एक साथ उड़ गए और शिकारी उन सब को आवक होकर देखता रह गया।
सीख :- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की बुद्धिमानों की सलाह कभी भी गंभीरता से लेनी चाहिए।
तेनाली राम की कहानी-Top 3 Story For Kids In Hindi
बहुत वर्ष हुए विजय नगर में एक राजा राज करता था। उसका नाम विजय राय था।
एक बार उसके राज्य में बहुत सारे चूहे हो गए इन सब से छुटकारा पाने के लिए राजा ने हुकुम दिया की हर घर में एक बिल्ली पाली जाना अनिवार्य है और हर घर में एक गाय प्रदान की जाय ताकि बिल्ली को प्रयाप्त मात्रा में दूध मिल सके।
राजा के दरबार में तेनाली राम नाम का एक वजीर इस घोषणा से ना खुश था और उसके अनुसार ये सारा प्रयोजन ही मूर्खतापूर्ण था।
तभी उसने एक तरकीब सोची पहले ही दिन उसने खौलते हुए एक दूध का कटोरा उसने अपने बिल्ली को पिने के लिए रख दिया और बिल्ली ने जैसे ही उसमे मुँह डाला उसका मुँह जल गया और मानो उसकी आँखे बाहर निकलने को हो गयी थी और तभी वह बिल्ली वहा से डर कर भाग गई।
एक दिन राजा जब शहर में घूमने निकला तभी उसे अपने आसपास सभी बलिष्ठ बिल्लिया नजर आने लगी और यह देख कर वह अपने निर्णय से बहुत ही प्रसन्न था।
राजा खुद घर-घर जाकर देखता की सब ठीक चल रहा है की नहीं। एक दिन राजा आखिर कार तेनाली राम के घर पहुँच गया और राजा को तेनाली राम के यहाँ बिलकुल कमजोर हड्डियों का ढांचा बनी बिल्ली देखकर राजा को बिलकुल सदमा लग गया।
तभी राजा ने तेनाली राम से पूंछा “क्या गाय का सभी दूध तुम खुद ही पिए जा रहे हो” फिर तेनाली राम बोला “महाराज आप जान बक्श दो तो में सब सच-सच बता देता हूँ।’
तभी राजा बोला हां, तुम निर्भय होकर सब विस्तार से मुझे बता दो “महाराज पता नहीं क्या हुआ मेरी बिल्ली तो दूध ही पी नहीं रही है।”
तभी राजा बोला यह कैसे हो सकता है?
तेनाली राम बोला आप स्वयं ही देख ले महाराज तभी तेनाली राम ने बिल्ली के सामने दूध का कटोरा रख दिया और जैसी ही उस बेचारी बिल्ली ने उस दूध का कटोरा देखा वह डर कर वहा से भाग गई।
अब तो राजा को सारा मामला समझने में देर ना लगी की तेनाली ने क्या किया था तभी राजा ने हुकुम सुनाया “तेनाली राम को बंधी बना लिया जाये और उसके पीठ पर १०० कोड़े लगाए जाए।”
तेनाली राम ने कहा ठीक है महाराज मुझे सख्त से सख्त सजा दीजिये परन्तु जरा सोचिये यहाँ हम शहर वासियों के लिए पिने के भी लिए पर्याप्त दूध उपलब्ध नहीं है तो क्या यह मूर्खता नहीं है की हम सार दूध इन बिल्लियों को पीला दे।
राजा को तेनाली बात समझ आई और उसने तेनाली राम को माफ़ कर दिया। और आदेश दे दिया की वह गाय अपने परिवार को दूध पिने के लिए राख्न इ को कह दिया और बिल्लिया तो चूहे खाकर भी अपना पेट भर सकती थी।
सीख :- मानव सेवा ही सर्वोत्तम सेवा होती है।
एक बच्चे की कहानी-Top 3 Story For Kids In Hindi
एक बार की बात है, एक गांव में एक आदमी रहता था। उसके घर के पास एक पहाड़ था जहा पर हर सुबह वह जाता और कुछ देर के लिए वहा बैठता और फिर वापिस आया करता था।
तो के दिन रोज की तरह वह पहाड़ पर जा रहा था, तभी पिछेसे उसका छोटा बेटा आया और उसका हाथ पकड़ लिया और कहा की आज में भी आपके साथ चलूँगा तभी उस आदमी ने अपने बेटे को समझाया और कहा की पहाड़ पर चढने के रास्ता बहुत ही छोटा है और चढाई बहुत ज्यादा है इसीलिए तुम मेरे साथ नहीं आ सकते हो।
लेकिन बच्चा अपने पिता से जिद करने लगा तब पिता मान गया और फिर दोनों साथ पहाड़ पर चढ़ने लगे तभी पिता ने बच्चे का हाथ कसके के पकड़ लिया।
उस रास्ते पर दाहिने और बड़े पहाड़ थे और बाए और गहरी खाई थी और रास्ता बहुत ही छोटा था। वह दोनों पहाड़ पर पहुंचने ही वाले थे तभी उनके सामने एक बडासा पत्थर आगया और वह आदमी उस रास्ते से रोज वहा आता था तो उसको पता था की वहा एक बड़ा पत्थर है। तभी वह आदमी उस पत्थर के बाजू से चल लिया।
लेकिन उसके बच्चे का ध्यान कही और था इसी लिए उसका घुटना जाकर उस पत्थर से टकरा गया और उस बच्चे के मुँह से चीख निकली “आह” और जैसे ही बच्चा चीखा उसकी आवाज उन पहाड़ियों में गूंज उठी इसे पहले उस बच्चे ने कभी अपनी आवाज की गूंज नहीं सुनी थी।
तभी उसे समज नहीं आया की यह क्या हो रहा है उसके मन में थोड़ी सी घबराहट होने लगी और उसे लगा की शायद यहाँ कोई है और वह चुपके से उसको देख रहा है और उसका मजाक उड़ा रहा है।
फिर वह बच्चा बोला “कोण हो तुम और जब फिर से बच्चे ने उस गूंज को सुना और उसे गुस्सा आने लगा कोण है ये जो मेरा मजाक उड़ाए जा रहा है।” फिर उसने गुस्से से कहा “में तुम्हे छोडूंगा नहीं” और फिर एक बार इस गूंज को सुन वह बच्चा घबरा गया और उसका पिता समज गया की यह क्या हो रहा है तभी उसमे अपने पिता का हाथ कसके पकड़ लिया और पूछा “कोण है ये जो मुझे इतना तंग कर रहा है और डरा रहा है।”
उसके पिता थोडेसे मुस्कुराये और खाई की तरफ देखकर बोले “में तुमसे बहुत प्यार करता हु” ये गूंज फिर से सुनकर वह बच्चा दंग रह गया की वहीं इंसान जो उसका मजाक उड़ा रहे और उसे तंग कर रहा है वही उसके पिता से बोल रहा है की वह उससे बहुत प्यार करता है।
तभी उसके पिता ने अपने बेटे को देखा और समज गए की उसके बेटे की दिमाग में क्या चल रहा है तभी उस आदमी ने अपने बेटे से कहा की ये जो “तुम आवाज सुन रहे होना जो तुम्हारी खुद की आवाज है जो पहाड़ों में गूंज रही है और तुम्हे अपनी ही आवाज सुनाई दे रही है।”
अगर तुम गुस्से से कुछ कहोंगे तो पलट कर जो आवाज आएंगी उसमे भी गुस्सा ही होगा और अगर तुम कुछ अच्छा कहोंगे तो वह आवाज भी अच्छी ही होंगी। अब पिता की कही हुई बात बच्चे के दिमाग में घूमने लगी और खाई की तरफ हाथ फैला कर बोला में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ।
सीख :- जैसा हम अपने मन में अपनी जिंदगी के बारे में सोचते है उसी तरह ये जिंदगी भी हमारे लिए होंगी।
FAQ
- छोटे बच्चों को कहानी सुनाने का क्या महत्व है?
बच्चो को कहानी सुनाने का बहुत ही महत्व होता है क्यों की कहानियां ही होती है जो बच्चों का भाषा का विकास,सांस्कृतिक विकास और मानसिक विकास करने में महत्वपूर्ण होती है। - कहानी से बच्चे क्या सीखते हैं?
कहानियां बच्चों को अच्छी बाते और एक बेहतरीन इंसान बनाने में मदत करती है। - कहानी से क्या शिक्षा मिलती?
जीवन में कितनी कठिनाईयां क्यों ना आये हमे अपने लक्ष्य के प्रति डटे रहने की सिख देती है कहानी।