12 Best Panchatantra Short Stories In Hindi With Moral

Short Stories In Hindi With Moral:- पंचतंत्र की कहानियों से लेकर अकबर बिरल की मोरल कहानिया कुछ न कुछ सिख देती है और ये कहानिया सभी उम्र के कहानी पढ़ने वालो का मनोरंजन करती है।
ये कहानिया खासकर छोटे बच्चों में अच्छे संस्कार ढालने में मदत करती है और इन्हीं कहनियों की वजहसे बच्चों में भाषा का विकास, मानसिक विकास और दृष्टिकोण, अच्छे और बुरे का जीवन क्या महत्व होता है यह सिखाती है।

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सहायता – Akbar Birbal Short Stories In Hindi

Short Stories In Hindi With Moral
सहायता – Akbar Birbal Short Stories In Hindi

एक दिन बादशा अकबर और बीरबल के बिच बहुत ही चर्चित बात हुई। तभी बादशा अकबर ने मंत्रियों से एक सवाल पूछा, “क्या कोई मुझे बता सकता है की सबसे अधिक क्या होता है?”

तब सभी मंत्री उनके इस सवाल का जवाब खोजने में लग गए, लेकिन कोई सही जवाब नहीं खोज पाया और पास में बैठा बीरबल ये सब देख रहा था तभी बीरबल बोला, “हुकूमत, सबसे अधिक जीवन का साथ देने वाला है।”

तभी बादशा अकबर ने बीरबल के कंधों पर हाथ रखा और कहा, “तुमने यह बात समझ ली है, बीरबल और तुम्हे इस सवाल का सही जवाब भी मिला है।

सीख:- इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है की जीवन में हरकिसी की सहायता करने वाला ही सबसे बड़ा होता है।

बुद्धिमान उल्लू – Panchatantra Short Stories In Hindi With Moral

Short Stories In Hindi With Moral
बुद्धिमान उल्लू – Panchatantra Short Stories In Hindi With Moral

एक बार सुबह बादशा अकबर और बीरबल के बिच उल्लू की होशियारी को लेकर जोर की बहस हुई। तब बादशा अकबर ने कहा “उल्लू किसी भी चीज को समझ सकता है?”

तभी बीरबल ने कहा “हां, हुकूमत, उल्लू बहुत ही होशियार पक्षी होता है।”

बादशा अकबर ने हसते हुए कहा, “तुम क्या मेरी मजाक कर रहे हो, बीरबल? उल्लू कैसे होशियार हो सकता है।

फिर बीरबल ने बादशा अकबर को एक सवाल पूछा, “हुकूमत अगर उल्लू को कोई तकलीफ हो तो उसका हल वह किससे पुछेंगा?”

बादशा अकबर ने थोड़ी देर सोचा और उत्तर दिया “शायद अपने साथी या मित्र से।”

बीरबल ने कहा, “सही कहा आपने हुकूमत और होशियार का मतलब यह नहीं है की हम सभी को हमारी तकलीफ का उत्तर मिलेगा ही, बल्कि हमें सही निर्णय चुनने की समझ होनी चाहिए।

सीख:- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमे जीवन में सही निर्णय लेने की समझ होनी चाहिए।

सियार और भालू – Short Stories In Hindi With Moral

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सियार और भालू

एक जंगल में सियार और भालू रहते थे और दोनों बड़े ही अच्छे दोस्त कहलाते थे। वो दोनों हमेशा एक दूसरे के साथ ही रहते और खाते पीते तभी गर्मियों को मौसम चालू हो गया और भूक बढ़ने लगी तभी दोनों ने निर्णय किया की वह एक साथ ही शिकार करने जाया करेंगे।

तब सियार ने सोचा अगर वो अकेला शिकार कर सकता है तो वह भालू को अपने शिकार का हिंसा क्यों दे तभी सियार ने अपनी बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल करके एक चाल रची। भालू से कहा, “मेरे दोस्त आज हम शिकार करेंगे तुम बस मेरा पीछा करना और में शिकार को पकड़ लूंगा।”

भालू ने सियार की बात मान ली और वैसा ही किया और तभी दोनों एक खरगोश का शिकार करने उसके पीछे भागे पर बेचार भालू अपने मोटे शरीर के कारण सियार के पीछे भाग नहीं सका और बिच में रुक गया और इसी का फायदा उठाकर सियार ने उस खरगोश का शिकार किया और उसे खा कर एक पेड़ निचे सो गया।

तभी बेचारा भालू कुछ देर बाद जब सियार को ढूंढ़ते हुए आया तो उसने देखा की सियार शिकार को खा गया तभी भालू समज गया की सियार ने उसने उसे धोका दिया और उसे बिना कुछ बोले ही वहा से चला गया।

सीख:- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की धोका देने वाला कभी सच्चा मित्र नहीं हो सकता है।

लालची मेंढक – बच्चों की रात की कहानियां

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लालची मेंढक

एक जंगल के तालाब में एक लालची मेंढक रहता था। वह हमेशा अपनी लालच में डूबा रहता और इसी लालच के कारण वह अपने साथी और दूसरे जानवरों धोखा दिया करता था।

एक दिन उसने तालाब में रहने वाली छोटी मछलिओं के पास जाकर मित्रता करने प्रस्ताव रखा और मछलियों ने उस प्रस्ताव को स्वीकार किया, पर उस लालची मेंढक का असली मकसद तो वह उन छोटी मछलियों का शिकार करने का था।

कुछ दिन बीत गए मेंढक उन छोटे मछलिओं के साथ रहता और किसी एक छोटी मछली के साथ अकेले घूमने चला जाता और वह घूमने का बहाना करके उस छोटी मछली को खा लेता।

एक-एक करके उसने बहुत सारी छोटी मछलिओं को खा लिया पर एक दिन ऐसा आया एक बड़ी भूखी मछली की नजर उस लालची मेंढक पर पड़ी और उस मछलिने मेंढक का पीछा कर उसे पकड़ लिया।

लालची मेंढक के लाख कोशिश करने के बावजूद वह उस बड़ी मछली के मुँह से अपनेआप छोड़ नहीं सका और तब उसे अपने दिए हुए धोखे और लालच का एहसास हुआ।

सीख:- इस Short Stories In Hindi With Moral कहानी से हमें यह सीख मिलती है की जीवन में लालच करने से हमेशा नुकसान ही होता है।

बुद्धिमान खरगोश – छोटे बच्चों के लिए कहानी

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बुद्धिमान खरगोश

एक जंगल में खरगोश और कछुवा बड़े अच्छे दोस्त थे। एक दिन दोनों जंगल में साथ घूम रहे थे तभी रास्ते में पेड़ के निचे बैठे शेर के पास वह दोनों पहुँच गए।

शेर बड़ा ही अलसी था जब उसने खरगोश और कछुवे को देखा तो उसे उन दोनों को खाने की उसके मन में लालच आगयी।

पर शेर अपने आलसी स्वभाव के कारण उन दोनों को वह बिना मेहनत किए ही खाना चाहता था। तभी उसने अपने पास आकर बात करने को कहा पर बुद्धिमान खरगोश यह समज गया की शेर उन्हें खाना चाहता है और उसने तभी कछुवे के कानमें यह बात कह दी और अगर शेर हमें खाने के लिए झपटे तो बाजू में ही एक बिल है हम दोनों उसमे छिप जाएंगे।

तभी बुद्धिमान खरगोश ने बोला, “महाराज आप तो जंगल के राजा है हम आपके पास कैसे आ सकते है?”

शेर बोला, “डरो मत आजाओ में राजा हुआ तो क्या हुआ में सभी के लिए सामान हु” पर शेर के बड़े ही आग्रह करने पर भी वो दोनों शेर के पास नहीं आये तो शेर को बड़ा गुसा आया और उन दोनों को खाने को झपट पड़ा तभी दोनों बाजु में बने बिल में छिप गए।

बहुत देर इन्तजार करने के बाद शेर वहा से चला गया और खरगोश बिल से बहार आकर उसे देखा पर शेर वहा से जा चुका था और तभी उसने कछुवे को आवाज लगाईं और कहा, “अब तुम बाहर आ सकते हो मेरे दोस्त।”

कछुवा बिल से बाहर आगया और खरगोश का शुक्रियादा किया और गले लगाया।

सीख:- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की हमें हमेशा अपनी बुद्धिमानी का उपयोग किसी की सहायता और अच्छे काम करने के लिए करना चाहिए।

धोबी और उसका गधा – बच्चों की कहानियां मजेदार

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धोबी और उसका गधा

एक गांव में एक धोबी रहता था और वह गांव के लोगों के कपडे धो कर अपना गुजारा करता था। वह हर रोज कपड़ों को धोने के लिए नदी पर जाता था।

उसके पास एक गधा भी था जो उसकी कपडे नदी पर ले जाने के लिए मदत किया करता था। एक दिन धोबी अपनी काम कर रहा था तभी कुछ लोग नदी में नहा रहे थे तभी उन्हें मंदिर से चोरी हुए कुछ गहने नदी के पानी में मिल गए और उन्हें लगा की यह गहने धोबी ने ही चुराए होंगे और यहाँ छुपाये होंगे।

तभी वह सब उस धोबी से उन गहने के बारेमे पूछने लगे और धोबी ने कुछ जवाब नहीं दिया इसीलिए लोगोने धोबी को पीटना शुरू किया पर बेचारा धोबी की बिना गलती की ही पिटाई हो गयी और उसने सभी लोगो को अपना घर की भी तलाशी दी पर उन्हें धोबी के घर कुछ नहीं मिला।

तभी कुछ देर बाद गांव में पुलिस मंदिर से चुराए हुए गहने और चोर के साथ आती है और उस चोरी का किस्सा उन लोगो को बता ती है और वह धोबी निर्दोष है कहकर कहती है। वहा खड़े सभी लोगों को अपनी गलती का अहसास होता है और वह धोबी से माफ़ी माँगते है।

सीख:- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की बिना सबूत के किसी को दोषी ठहराना गलत होता है।

भेड़िया और गाय – Story In Hindi Story

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भेड़िया और गाय

एक जंगल में एक गाय और हाथी बड़े ही अच्छे दोस्त थे। उसी जंगल में एक भेड़िया भी रहता था जो गाय को खाने की हमेशा कोशिश करता था।

एक दिन गाय जंगल में अकेली जा रही थी तभी पेड़ के निचे बैठे भेड़िये ने उस गाय को देखा और खाने के लिए एक जाल रचा और अपने दोस्तों के साथ मिलकर उसने गाय को अपने जाल में फसा लिया।

तभी गाय ने खुद को भेड़ियों के जाल में फसा देख उसने भेड़ियों से कहा “आप सब मुझे खा लो पर उससे पहले मेरी एक इच्छा है आप सब वह पूरी कर दो।”

भेड़ियों ने पूछा “क्या है तुम्हारी इच्छा? तभी गाय बोली “में बस एक हाथी को देखना चाहती हु।”

तभी भेड़ियोने एक हाथी को बुला के लाया पर उन भेड़ियों को नहीं पता था की वह जिस हाथी को बुला लाए है वह गाय का मित्र है

जब हाथी ने गाय को भेड़ियों के जाल में फसा देखा वह भेड़ियों पर बड़ा गुसा हो गया और उन्हें मारने लगा और हाथी का गुसा देख सारे भेड़िये डर कर वहा से भाग गए और भेड़ियों के जाल से छुड़ाने के लिए गाय ने हाथी को धन्यवाद कहा

सीख:- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की बुद्धि का सही इस्तेमाल किया तो जीवन हम किसी भी तरह के संकट से बाहर निकल सकते है।

चिड़िया और बंदर की कहानी – Story In hindi language

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चिड़िया और बंदर की कहानी

एक जंगल में एक चिड़िया और एक बंदर रहते थे वह दोनों बड़े अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक दूसरे की मदत करने के लिया तप्तर रहते।

एक दिन बरसात के मौसम में जंगल में बाढ़ आ गई। नदी का जलस्तर बढ़ गया और नदी का पानी बढ़ने के वजहसे कोई भी जानवर नदी के दोनों किनारे के उसपर नहीं जा सकता था और सभी जानवर इस मुसीबत में फस गए।

चिड़िया और बंदर ने इस मुसीबत का सामना करने का निर्णय लिया।

तभी बंदर ने कहा, “में नदी के किनारे पेड़ो पर रहता हु में मदत के लिए जानवरो को अपने हाथों से पेड़ लेकर जा सकता हु।

चिड़िया बोली, “में हवा में उड़ सकती हु और में पेड़ पर वहा तक पहुँच सकती हु जहा तक तुम नहीं पहुँच सकते हो” और तभी दोनों ने निर्णय किया की बंदर बड़े जानवरो को अपने हांथो से पेड़ पर चढाएंगा और चिड़िया उनके बच्चों को बचाने में मदत करेंगी ताकि बाढ़ के कोई जानवर या उनके बच्चे डूब ना जाए।

बंदर और चिड़िया के मदत से नदी के किनारे फसे जानवरो को बचाया और सभी जानवरो की नजरों में सन्मान प्राप्त किया।

इस घटना ने जानवरो को यह दिखाया की साथ मिलकर किसी भी समस्या का सामना किया जा सकता है।

सीख:- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की टीमवर्क करने से हम किसी भी समस्या समाधान निकाल सकते है।

शत्रु का शत्रु मित्र – Panchatantra Short Stories In Hindi With Moral

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शत्रु का शत्रु मित्र

एक गांव में द्रोण नाम का ब्राम्हण रहता है। भिक्षा मांगकर उसकी जीविका चलती थी। सर्दी-गर्मी रोकने के लिए उसके पास पर्याप्त कपडे भी नहीं थे। एक बार किसी यजमान ने उसपर दया करके उसे बैलों की जोड़ी दे दी।

ब्राम्हण ने उनका का भरण-पोषण बड़े प्यार से किया और आस-पास से चारा और अनाज माँगकर भी उन दोनों बैलो को भरपेट खिलता रहा। इससे दोनों बैल खूब मोटे-ताजे हो गए। उन्हें देखकर एक चोर के मन में लालच आ गया और उसने चोरी कर उन दोनों बैलो को भगा ले जाने का ठान ली। इस के बाद वह अपने गांव चला गया और जाते समय रास्ते में उसे लम्बे-लम्बे दाँतो, लाल आँखे, सूखे बालों और उभरी हुई नाक वाला भयंकर आदमी मिला।

उसे देखकर चोर ने डरते हुए उस आदमी को पूछा तुम कोण हो?

उस भयंकर दिखने वाले आदमी ने कहा में राक्षस हु और तुम कोण हो और कहा जा रहे हो?

चोर ने कहा में क्रूरकर्मा चोर हु पास वाले ब्राम्हण के घर बैलो की जोड़ी चुराने जा रहा हूँ।

राक्षस ने कहा मित्र! पिछले छः दिन से में कुछ भी नहीं खाया। चलो आज उस ब्राम्हण को मारकर की भूख मिटाऊंगा। हम दो दोनों एक ही मार्ग के यात्री चलो हम साथ-साथ चले।

रात को दोनों चोरी-छुपे ब्राह्मण के घर के अंदर चले गए। ब्राह्मण को गहरी नींद में देखकर राक्षस उसे खाने के लिए आगे बढ़ा तो वह चोर बोला मित्र! यह बात गलत है। पहले में बैलो की जोड़ी चुरा लूंगा तब तुम अपना काम करलो।

राक्षस ने कहा,“कही बैलो की जोड़ी ले जाते समय आवाज हुआ और ब्राह्मण जाग गया तो अनर्थ हो जाएगा और में भूका ही मर जाऊंगा।” इसीलिए पहले मुझे ब्राम्हण को खाने दो तुम बादमे चोरी कर लेना।

चोर ने उत्तर दिया अगर तुम ब्राम्हण को खा नहीं सके और वह बच गया तो वह वापस बैलो की रखवाली चालू कर देगा और में बैल चुरा नहीं पाऊंगा। इसीलिए पहले अपना काम मुझे करने दो।

दोनों की इस तरह की कहा-सुनी सुनकर ब्राह्मण जाग गया। उसे जगा देख कर चोर ने ब्राह्मण से कहा, “ब्राह्मण यह राक्षस तेरी जान लेने लगा था, मैंने इस राक्षस से तुझे बचा लिया।

राक्षस बोला, “यह चोर तेरे बैलो को चुराने आया था मैंने उन बैलो को इस चोर से बचा लिया है।” अब इस को बातचीत के बाद ब्राह्मण सावध हो गया और अपनी रक्षा करने के लिए लाठी उठाकर तैयार हो गया। ब्राह्मण को इस तरह देख दोनों भाग गए।

सीख:- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की हमें अपने स्वयम की रक्षा करनी चाहिए जो नहीं करता वह वाल्मीकि में बैठे साप की तरह नष्ट हो जाते है।

अभिमानी टिटिहरे की कहानी -Short Stories In Hindi With Moral

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अभिमानी टिटिहरे की कहानी

समुद्र के तट के भाग में एक टिटिहरी का जोड़ा रहता था। अंडे देने से पहले टिटिहरी ने अपने पति को किसी सुरक्षित जगा ढूंढने को कहा था। टिटिहरे ने कहा यहाँ सभी जगा सुरक्षित है तू चिंता ना कर।

टिटिहरी ने कहा, “समुद्र में जब बड़ी लहरे आती है तो किसी बड़े हाथी को भी अपने साथ पानी में खींच लेकर जाती है। इसीलिए हमे कोई दूसरी जगा ढूंढ़नी चाहिए जो इन समुद्र की लहरों से हमे दूर रखे।”

टिटहरा कहता है, “समुद्र इतना भी कठोर नहीं है की वह मेरे बच्चो को हानि पहुंचा सके” और वह मुझसे डरता है इसीलिए तू बना डरे अपने अंडे इसी तट पर दे।

समुद्र ने टिटिहरे की यह बात सुन ली और सोचा यह टिटिहरा बहुत ही अभिमानी है। आकाश की और टाँगे करके इसीलिए सोता है की इन टांगो पर गिरते हुए आकाश को थाम लेंगा। इसका अभिमान भंग होना चाहिए। यह सोचकर समुद्र ने अपनी लहरे आने पर ही टिटिहरी के अंडो को बहा दिया।

टिटिहरी जब दूसरे दिन वहा आई तो अंडो को बहता देखकर रोती-बिलखती टिटिहरे से बोली मुर्ख! मैंने कहा था की समुद्र की बड़ी लहरे हमारे अंडो को डूबा ले जाएंगी,पर तूने अपने अहंकार में मेरी बातो पर विश्वास नहीं किया।

सीखा:- इस Short Stories In Hindi With Moral कहानी से हमे यह सीख मिलती है की अहंकार से बचना ही समझदारी होती है।

मुर्ख बंदर – हिंदी कहानियां बच्चों के लिए

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मुर्ख बंदर

किसी पर्वत के एक भाग में बंदरों का एक दल रहता था। सर्दी के मौसम में वहा बहुत बर्फ पड़ी और जोर की बर्फ़बारी की वजहसे सारे बंदर सर्दी के मारे ठिठुर गए।

कुछ बंदर लाल फलो को ही अग्नि समझकर उन्हें फुक मार कर सुलगाने की कोशिश करने लगे। यह सब बगल में बैठा एक तोता चुपचाप देख रहा होता है और तभी वह बोलता है, “अरे बंदरों वह आग नहीं वह एक गुंजाफल है।”

इस फूल को सुलगाने की कोशिश तुम सब क्यों करते हो इसके बदले तुम सब गुफा के अंदर चले जाओ तभी सर्दी से तुम्हारी रक्षा होंगी।

बंदरों में एक समज़दार बूढ़ा बंदर भी था। उसने तोते से कहा, “तु इन्हे उपदेश ना दे क्यूंकि यह सब मुर्ख है और यह तेरे उपदेश को नहीं मानेगे बल्कि तुझे पकड़कर मार डालेंगे।”

वह बूढ़ा बंदर यह कह ही रहा था तभी उनमेसे एक बंदर ने उस तोते को पकड़कर जमीं पर पटक दिया।

सीख:- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की मूर्खो को उपदेश देकर हम उसे शांत नहीं करते बल्कि और भड़काते है।

उल्लू का अभिषेक – Top 10 Moral Stories In Hindi

Short Stories In Hindi With Moral
उल्लू का अभिषेक

एक बार हंस, तोता, बगुला, कोयल, चातक, कबूतर और उल्लू आदि सभी पक्षियों ने सभा करके यह सलाह की की उनका राजा वैनतेय केवल वासुदेव की भक्ति में ही लगा रहता है और सभी पक्षियों पर आनेवाले संकट से उनकी रक्षा कोई नहीं करता है।

इसीलिए पक्षियों का कोई दूसरा राजा चुन लिया जाए और कई दिनों की बैठकों के बाद सब ने सर्वांग सुन्दर उल्लू को राजा बनाने का निर्णय लिया। अभिषेक की तैयारियां होने लगी। विविध तीर्थो से पवित्र जल मंगाया गया, सिंहासन पर रत्न जड़े गए, स्वर्णघट भरे गए, मंगलपाठ शुरू हो गया, ब्राह्मणों ने वेदपाठ शुरू कर दिया, नर्तिकियों ने नृत्य की तैयारियां कर ली।

तभी उल्लूराज राज्यसिहांसन पर बैठने वाला था तभी वह एक कौवा कही से आ गया। कैवे ने सोचा यह समारोह कैसा? यह उत्सव किस लिए?

सभी पक्षिओं ने कौवे को देखा तो सभी आचार्य में पड़ गए और सोचने लगे की कौवे को किसी ने यहाँ बुलाया नहीं था। फिर भी उन्होंने सुन रखा था की कौवा सबसे चतुर राजनितिक पक्षी है इसीलिए उससे मंत्रणा करने सभी पक्षी उसके चारों इक्कठे हो गए।

उल्लूराज के राजयभिषेक की बात सुनकर वह कौवा बोला, “राजा का चुनाव ठीक नाही हुआ है।”

मोर, हंस, कोयल, सारस, चक्रवाक, शुक्र आदि सुन्दर पक्षियों के रहते बदसूरत उल्लू और टेढ़ी नाक वाले अप्रियदर्शी पक्षी का राजा बनना उचित नहीं है। वह स्वभाव से गुस्सैल और कटुभाषी है। फिर अभी तो वैनतेय राजा बैठा है और एक राजा के होते हुए किसी दूसरे को राजा बना देना गलत है।

पृथी पर एक ही सूर्य होता है और वह अपने तेज से सारे संसार को प्रकाशित कर देता है उसी तरह अगर अधिक सूर्य होते तो प्रलय आजाता। प्रलय में बहुत सारे सूर्य निकल कर आते है और उनसे संसार में विनाश ही होता है।

राजा एक ही होता है और नाम-कीर्तन से ही काम बन जाते है।

सीख:- इस Short Stories In Hindi With Moral कहानी से हमे यह सीख मिलती है की हमे अपने जीवन में गर्व से बचना चाहिए और समझदारी से काम ले।

FAQ:-

  1. बच्चों के लिए एक अच्छी कहानी क्या है?
    बच्चों के लिए एक अच्छी कहानी वो होती है जो उनमे अच्छे संस्कार ढालने में मदत करती है और इन्हीं कहनियों की वजहसे बच्चों भाषा का विकास, मानसिक विकास और दृष्टिकोण, अच्छे और बुरे का जीवन क्या महत्व होता है यह सिखाती है।
  2. बच्चों को एक जैसी कहानियां क्यों पसंद आती हैं?
    बच्चों को खासकर एक जैसी कहानिया पढ़ना पसंद होता है क्यूंकि वह खुद को उन कहनियों के किरदार के रूप में देखने लगता है।
  3. बच्चों को किस तरह की कहानियां सुनना पसंद है?
    बच्चों ख़ास करके पंचतंत्र की कहानिया सुनना पसंद होता है।

आपको पंचतंत्र की कहानी कैसी लगी हमे कमेन्ट करके के जरूर बाताए और ऐसे ही अच्छी कहानिया ( Panchatantra Short Stories In Hindi With Moral ) पढ़ने के लिए Hindi Ki Story के साथ जुड़ते रहे ! आपका धन्यवाद !

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