Motivational Story For Students In Hindi With Moral:- मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स ये कहानियां छात्रों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है क्यूंकि छात्रों के जीवन में उतार चढ़ाव आता ही रहता है और इन सब से बाहर निकले ने के लिए जीवन आधारित मोटिवेशनल कहानी छात्रों को प्रेरित करती है।
सीख देने वाली कहानी ये छात्रों बताती है की जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। छात्रों के लिए मोटिवेशनल कहानी छोटी सी यह कहानी विशेष रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण होती है क्यूंकि ये कहानी उन्हें अपने लक्ष्य के और बढ़ने के लिए छात्रों का आत्मबल बढाती है। इस लेख में विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक कहानी है जो उन्हें अच्छी सीख देंगी।
गुरु और शिष्य की कहानी : Motivational Story For Students In Hindi With Moral
एक जंगल में एक आश्रम था, और उस आश्रम में बहुत सारे छात्र पढ़ने आते थे।
एक बार की बात है गुरूजी सभी छात्रों को पढ़ा रहे थे पर उन सब में एक छात्र ऐसा था जिसे गुरूजी के बहुत बार सिखाने और समझाने के बावजूद उसे कुछ भी नहीं समज आता था।
एक दिन इसी वजहसे गुरूजी को बहुत गुस्सा आया और गुरूजी ने उस छात्र से कहा “जरा अपना हाथ तो दिखाओ बेटा” तभी उस छात्र ने अपना हाथ गुरूजी को दिखा दिया।
छात्र की हाथ देख गुरूजी बोले “बेटा तुम घर चले जाओ तुम्हारे नसीब में शिक्षा नहीं है।”
छात्र ने पूछा पर क्यों गुरूजी?
गुरूजी बोले “तुम्हारे हाथ में शिक्षा की रेखा ही नहीं है।”
तभी गुरूजी ने एक हुशार छात्र के हाथ की रेखा दिखाते हुए बोले “देखो यह है वो शिक्षा की रेखा जो तुम्हारे हाथ में नहीं है।” इसलिए तुम अपना समय नष्ट ना करो और घर चले जाके वहा अपना काम देख लो।
यह सुने के बाद उस छात्र ने अपने जेब से एक चाक़ू निकला जिसका प्रयोग वह रोज सुबह अपने नाख़ून काटने के लिए किया करता। तभी उस चाक़ू से उसने अपने हाथ में एक रेखा बना डाली और उसका हाथ खून से लथपथ हो गया।
तभी वह “गुरूजी से बोला मैंने अपने हाथ में शिक्षा की रेखा बनाली है गुरूजी” यह देख गुरूजी भ्रमित हो उठे और उह्नोने उस छात्र को अपने गले लगा लिया और बोले “तुम्हे विद्या सिखने से दुनिया की कोई ताकद नहीं रोक सकती बेटा” इसी तरह कठोर परिश्रम उस छात्र के हाथो के लकीरो को भी बदल देती है।
वो छात्र आगे चलकर महर्षि पाणिनि के नाम से प्रसिद्ध हुआ जिन्होंने विश्व प्रसिद्ध व्याकरण “अष्टाध्यायीसूत्रपाठ:” की रचना की है और इतनी सदिया बीत जाने के बाद भी विश्व के किसी भी भाषा में ऐसा ग्रंथ अबतक नहीं बना।
सीख:- इस मोटिवेशनल कहानी से हमे यह सीख मिलती है की हम अपने लगन और परिश्रम के दम पर हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।
एक पेड़ की कहानी : Motivational Story For Students In Hindi With Moral
“किसी ने बड़े कमाल की बात कही है शब्द और सोच दुरिया बढ़ा देते है इस दुनिया हम कभी समझ नहीं पाते और कभी हम दुसरो को समझा नहीं पाते”
एक घने जंगल में एक इच्छापूर्ति पेड़ था। उस पेड़ से आप जो इच्छा जाहिर करो वह आपकी इच्छापूर्ति करता था।
पर इस पेड़ के बारे में बहुत ही कम लोगो को पता था क्यूंकि उस घने जंगल में कभी कोई नहीं जाया करता था। वह जंगल इतना घना था की की सूर्य की किरणे भी जंगल में बड़ी मुश्किल से पहुंच पाती थी।
एक बार एक कलाकार उस जंगल से जा रहा था और उसे उस पेड़ के बारे में कोई अंदाजा नहीं था और संयोग ये था की उसी पेड़ के निचे वह आराम करने रुका और अपने साथ भोजन लाया था और वही भोजन करने लगा और उसे लगा की और थोड़ी देर आराम कर लेता हु और उसके बाद चल लेता हु।
पर जब वो सोया तो उसकी नींद सीधे शाम में ही खुल गयी तबतक आसपास अंधेरा भी हो गया था और उसे लगा की मुझे यही रात बितानी होंगी इसके अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं है।
फिर वापस उसे भूक लग गयी और उसके मन में इच्छा आइ कही से कोई पंचपकवान मिल जाते या भर पेट भोजन मिल जाता तभी कमाल की बात ये हुई की पकवानों से भरी हुई थाली आगई उसे भूक लगी हुई थी इसी लिए उसने ज्यादा सोचा नहीं और भर पेट भोजन कर लिया और एक से बढ़कर एक पकवानों आनंद लिया।
भोजन होने के बाद उसके मन में एक और इच्छा आई कुछ पिने को मिल जाता तभी उसके सामने शरबत के दो बड़े-बड़े गिलास आए और वह बहुत खुश हुआ और उसने शरबत भी पि लिया और उसने येभी नहीं सोचा की ये सब आ कहा से रहा है तभी उसके मन में एक और इच्छा आई की कही एक तकिया आजाता और वह सिरहाने लगा लेता और उसके आँखों के सामने कमाल ये हुआ की एक तकिया भी आ गया।
उसने उस तकिये को लिया और सिरहाने लगा कर पेड़ के निचे लेटा और बस यही सोचने लगा की ये सब हुआ कैसे?
उसके दिमाग ने अब काम करना शुरू किया की मेने सिर्फ सोचा तो खाना और तकिया कैसे आ गया और कही यहाँ पर कोई भुत तो नहीं है ना बस उसके मन में एक इच्छा आइ और सच में वहा भुत भी आ गया और जैसे ही उसने भुत को देखा तो उसके मन में पहला विचार यही आया की भुत मुझे खा तो नहीं लेंगा इसीलिए इसने मुझ तक खाना पहुंचाया, शरबत पिलाया और तकिया दिया और बस उसने यह सोचा और भुत ने उसे खा लिया।
क्यूंकि वह एक इच्छापूर्ति पेड़ था जो सोचो वैसा ही वहा होने लगता था।
ये कहानी कलाकार और उस पेड़ की नहीं बल्कि हमारे और आपके दिमाग की है। हमारा दिमाग इस दुनिया का सबसे बड़ा इच्छापूर्ति पेड़ है और कमाल की बात ये है की हम हमेशा नकारात्म सोचने लगते है।
अगर बारिश हो जाए तो हम ये सोचते है की हम कही बीमार न पड़ जाए और फिर हम बीमार भी पड़ जाते है। जब हम कोई बिज़नेस शुरू करते है और सोचते है की घाटा ना होजाये तो हमे घाटा भी हो जाता है और हम नौकरी में जाते है तो लगता है कही बॉस ना डांट दे तो बॉस भी डांट ने लग जाता है।
सीख :- इस मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स के कहानी से हमे ये सीख मिलती है की जैसा सोचोंगे वैसा ही पाओगे इसीलिए सोचना पॉसिटिविटी के साथ शुरू कीजिये वरना जीवन में आपका इच्छापूर्ति पेड़ यानि की आपका दिमाग एक भुत को ले आयेंगा और वह भुत आपको खा जाएगा।
कहानी निष्कर्ष :-Motivational Story For Students In Hindi With Moral
मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स इन कहनियों से हमें यह सीखा की अपने लक्ष्य को पाने के लिए हमारे जीवन में कितना भी बड़ा संकट क्यों न आये पर अगर हम अपने कढोर परिश्रम और दृढ़ संकल्प से अपने लक्ष्य को आसानी से पा सकते है
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