Top 10 Inspirational Short Moral Stories In Hindi

Moral Stories In Hindi ये कहानियाँ सरल शब्दों में गहरे सत्य को उजागर करती है। इन Moral Stories In Hindi की कहनियों में तुक्के या तर्क नहीं बल्कि अनुभव होता है। मनुष्य के जीवन का सफर काफी सारे उल्झनोंसे भरा हुआ है। यें Moral Stories In Hindi की कहानियाँ हमे इन सब से बाहर निकलने का रास्ता दिखती है। इन Moral Stories In Hindi की कहानियाँ लोभी को धैर्य करना और घमंडी को विनम्रत सिखाती है।

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ये Moral Stories In Hindi कहानियाँ सिर्फ बच्चों को ही नहीं बल्कि, हरेक उम्र के मनुष्य के ह्रदय को छूतीं है। नैतिकताकी की कहानियाँ हम में सपनों के बीज बोती है, एक आशा का दीपक जलाती है और हमारी जिंदगी में एक मधुर संगीत भरती है। ये Moral Stories In Hindi हमे हार नहीं मानने का जूनून सीखती है।

आज के इस Moral Stories In Hindi के टॉपिक में हम आप के लिए १० कहानियाँ लाये है, जो आप को एक अच्छी सीख और अच्छा संदेश देंगी।

Table of Contents

उम्मीदों के पंख खोलो-Moral Stories In Hindi

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उम्मीदों के पंख खोलो

एक छोटे से गांव में दीपक नाम एक चिड़िया बचाने वाला लड़का रहता था। उसे घायल पक्षियों की मदत करना उतना ही अच्छा लगता था, जितना उन्हें खूबसूरती से आसमान में उड़ता देखना। एक शाम तूफान ने एक कमजोर गरुड़ के बच्चे को उसके घर के द्वार पर लाया।

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उम्मीदों के पंख खोलो

दीपक ने उसे देखा और अपने घर के अंदर ले गया। दीपक ने देखा उस गरुड़ के बच्चे का पंख तूफान में पेड़ से निचे गिर कर बुरी तरह घायल हो गया था। दीपक ने कुछ दिनों तक उसके घायल पंख की अच्छे से देखभाल की और वह गरुड़ का बच्चा अब ठीक हो चूका था। पंख ठीक होने के बाद कुछ दिन बीत गए पर अभी भी वह गरुड़ का बच्चा उड़ने से डरता था।

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उम्मीदों के पंख खोलो

दीपक समझ गया की उस बच्चे को सहारे से ज्यादा हौसले की जरुरत है। एक दिन दीपक उसे पहाड़ की चोटी पर ले गया। जोरो की हवा गरुड़ के पंखो से छेड़छाड़ कर रही थी। तभी दीपक ने धीरे से कहा “उम्मीदों के पंख खोलो, जवान गरुड़! आसमान तुम्हारा इन्तजार कर रहा है।”

डर और हिचक के बिच उस बच्चे ने अपने पंख खोले, कुछ पल वह खुद को संभल नहीं पाया, फिर हवा से बाते करते हुए वह उड़ने लगा। धीरे-धीरे वह मजबूती और आत्मविश्वास के साथ ऊपर उठते गया। आखिरकार वह बच्चा आसमान में एक छोटीसी बिंदी होकर गायब हो गया।

सीख :- इस Moral Stories In Hindi कहानी से हमे यह सीख मिलती है की दूसरों की कंमजोरियों में सहारा देना जरुरी है, लेकिन उन्हें अपने अंदर के गरुड़ को खोजने का हौसला देना उसे भी ज्यादा जरुरी होता है।

अँधेरे में अखंड ज्योति-Moral stories In Hindi

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अँधेरे में अखंड ज्योति

एक गांव में में एक बूढी अम्मा रहती थी। अम्मा की झोपड़ी बहुत ही छोटी थी। अम्मा की आँखों की रौशनी अब कम होने लगी थी, रातें और अंधकारमय लगने लगी थी।

एक शाम जब अम्मा थोड़ी घबराने लगी, तभी उन्हें खिड़की से हल्का प्रकाश दिखाई दिया। यह पूर्ण चंद्रमा निकला हुआ था। चंद्रमा अपने पूर्ण प्रकाश को बिखरे हुए था। अब जरा बूढी अम्मा की घबराहट कम हुई, पर अम्मा सोचने लगी, “चंद्रमा तो सब जगह चमकता है, पर मेरी ही झोपड़ी में अंधकार क्यों ?”

तभी उन्हें अपने पुराने पड़े सामान से एक पुराना पड़ा दिया मिल गया। अम्मा ने उसे साफ़ करकर उसमे तेल डाला और जलाया। उस छोटे से दिये ने अम्मा की झोपड़ी को प्रकाशमय कर दिया। अम्मा मुस्कुराई अब अम्मा को दो ज्योतियां दिख रही थी एक आसमान में चंद्रमा की और झोपड़ी में दिये की।

सीख :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की हमारे जीवन में बाहर का प्रकाश चाहे कितना भी क्यों बड़ा हो, अपने अंदर की ज्योति को जलना जरुरी होता है। वही हमारे रास्ते और हमे रोशन करता है।

मिटटी का जादू-Short Moral stories In Hindi

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मिटटी का जादू

एक गांव में छोटू नाम का एक गरीब कुंभार रहता था। वह एक कलाकार था जो अपने हाथो से मिट्टियों की गुड़िया बनाया करता था। पर उसकी बनायीं हुई गुड़िया कुछ ख़ास नहीं बीक नहीं पाती थी,कयूंकि की वह गुड़िया बेडौल और रंगहीन होती थी। जिसके वजहस वह परेशान रहता था और अपने परिवार के पालन पोषण के बारे में चिंतित रहता था।

एक दिन एक बूढी अम्मा छोटू के घर के सामने से जा रही थी तभी उसने छोटू को उसने चिंता का कारन पूछा तभी छोटू बोला दादी मेरी बनाई हुई गुड़िया बिक ही नहीं पाती है, जिस कारण मेरी कुछ ख़ास आमदनी नहीं हो पाती और इस कारण वश में अपने परिवार पालन पोषण अच्छे से नहीं कर पाता हु।

यह बात सुन कर दादी ने उसकी की बनाई हुई कुछ गुड़िया देखि तो उसने देखा उसकी गुड़िया बेडौल और रंगहीन है। यह देखकर दादी ने छोटू को सुझाव दिया “छोटू तुम अपनी गुड़ियों में जीवन डालो और उन्हें अपने हाथो का जादू दो।”

अगले ही दिन छोटू ने गुड़ियों में आंखे, बाल और मुस्कराहट बनाई और कई रंगो से उन गुड़ियों को रंग दिया अब इस बार गुड़िया इतनी सुंदर बन गयी थी की वह खुद सोच में पड़ गया। फिर छोटू अगले दिन अपनी गुड़ियों को लेकर बेचने बाजार पहुँच गया। उसकी गुड़ियों ने लोगो को आकर्षित किया और उन्हें लेने के लिए लोंगो की भीड़ लग गयी और सारी गुड़िया बिक चुकी थी।

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मिटटी का जादू

छोटू इन सब से से बहुत खुश हुआ पर इससे भी ज्यादा ख़ुशी छोटू को तब हुई जब उसने देखा की उसकी बनाई हुई गुड़ियां छोटे बच्चों के चेहरे पर मुस्कराहट लाती थी। उन बच्चों को गुड़ियों के साथ खेलते देख वह छोटू समज गया दादी का कहने का मतलब क्या था। उसने मिटटी में सिर्फ आकर नहीं बल्कि उसमे ख़ुशी का जादू डाला था।

सीख :- इस Moral Stories In Hindi कहानी से हमे यह सीख मिलती है की कला का असली उद्देश्य होता है की दूसरों के जीवन में ख़ुशी लाना है।

बूढ़ा बरगद और चिड़ियों का घोसला-Moral stories In Hindi

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बूढ़ा बरगद और चिड़ियों का घोसला

एक गांव के बीचो बिच एक बरगद का पेड़ था। वह पेड़ बहतु बड़ा था और उसकी डालियाँ छाते की तरह फैली हुई थी। इस वजहस से वह बरगद का पेड़ पंछियो का घर था।

एक बार वसंत ऋतु में चिड़ियों के एक छोटे से झुंड ने उस पेड़ की एक मजबूत शाखा पर अपना घोंसला बनाया। कुछ दिनों बाद उन चिड़ियों अपने घोसलों में अंडे दे दिए।

चिड़िया ख़ुशी उस पेड़ पर रहती और अपने अंडो का देखभाल करती थी। कुछ हफ्तों बाद उन अंडो से बच्चें निकल आये। यह सब वह बरगद का पेड़ मौन होकर देखते रहता था। वह जानता था चिड़ियों का घोसला उनके लिए कितना अहम् है।

एक दिन तेज आंधी आई और हवा पेड़ को जोर से हिला रही थी। सभी चिड़िया घबराई उनके लिए अपने बच्चे बहतु कीमती थे, और उन्हें बचाने के लिए अपनी जान भी दावं पर लगाने को तैयार थी। बरगद का पेड़ यह समज गया और उसने अपनी ऊपरी डालियों को थोड़ा निचे झुका लिया मनो जैसे वह अपनी डालियों से उन घोसलों को सहला रहा हो। इस वजहसे हवा भलेही जोरो की चल रही थी पर सभी घोंसले सही सलामत रहे।

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बूढ़ा बरगद और चिड़ियों का घोसला

कुछ देर बाद आंधी गुजर गयी और आसमान साफ़ हो गया। उन चिड़ियों ने अपने बच्चों के लिए गीत गाये और बरगद के पेड़ को शुक्रियादा किया। यह देख कर बरगद का पेड़ मुस्कुरा गया।

सीख :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की किसी के जीवन में संकट के समय एक बरगद की पेड़ की तरह मदत करो ताकि उसकी जीवन में खुशिया आ सके।

हिरनी और तितली की दोस्ती-Moral Stories In Hindi

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हिरनी और तितली की दोस्ती

एक जंगल में एक हिरनी रहती थी। वह हिरनी बहोत ही सुंदर थी। वह अपने दोस्तों के छोड़े जाने के बाद से अकेली ही रहना पसंद करती थी। वह जंगल में घूमती, नदी के किनारे घास चरती और वह बहुत उदास रहती थी।

एक दिन हिरनी को घास चरते हुए एक तितली दिखाई दी वह तितली बहोत ही सुंदर थी, और आसपास के फूलों पर वह नाच रही थी। हिरनी उस तितली से आकर्षित होकर उसे कुछ पल देखती ही रह गयी। यह सब देख कर वह तितली हिरनी को बोली “तुम क्यों इतनी उदास हो ? आओ मेरे साथ तुम भी नाचो” हिरनी ने मुस्कुराते हुए कहा नहीं में अकेला रहना ही पसंद करती हूँ।

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हिरनी और तितली की दोस्ती

यह सुनकर तितली बोली अकेले में रहना बहोत बोरिंग होता है। मेरे साथ दोस्ती करके देखो की दोस्ती का रंग कितना मनोहर होता है। हिरनी यह बात सुन कर सोच में पड़ गयी की एक समय था, जब वह भी अपने दोस्तों के साथ ऐसे ही खेला करतीं थी पर वह सब ने उससे दोस्ती तोड़ चुके थे।

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हिरनी और तितली की दोस्ती

हिरनी ने तितली की दोस्ती को स्वीकार किया। अब दोनों साथ रहने लगी, खानेपीने और खेलने लगी। दोनों फूलो के मैदानों में नाचती, नदी किनारे दौड़तीऔर इंद्रधनुष्य के निचे हंसने लगी। हिरनी की उदासी अब दूर हो गयी अब उसने जंगल नए नजरो से देखना शुरू किया।

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हिरनी और तितली की दोस्ती

कुछ दिनों बाद, उस हिरनी के दोस्त उसको हसते खेलते देख कर हैरान रह गए। तभी तितली उनकी और बढ़ी और बोली, “देखो कैसे सच्ची दोस्ती की वजह से हिरनी के अकेले पण को मिल गया नया रंग!”

हिरनी के दोस्तों को अपनी गलती समझ आई और उन्होंने हिरनी से माफ़ी मांगी उससे दोस्ती की, अब जंगल में फिर से खुशहाली वापस आ गयी।

सीख :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की कभी-कभी हम अकेले में इतना उलझ जाते है की दुनिया के सौंदर्य को भूल जाते है। एक सच्चा दोस्त हमारे जीवन को फिर से रंगीन बना देता है। इसी लिए जीवन सच्चे दोस्तों होना बहोत जरुरी होता है।

बुद्धिमान गिलहरी और लालची बंदर-Moral Stories In Hindi

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बुद्धिमान गिलहरी और लालची बंदर

एक जंगल में एक गिलहरी और बंदर रहते थे। गिलहरी बड़ी मेहनती और बुद्धिमान थी और बंदर आलसी और लालची था। गिलहरी रोज मेहनत करके फल इक्कठा किया करती पर इस बात से अलसी बंदर को जलन होती और वह हर बार फल चुरा ले जाता।

ये बात गिलहरी जानती थी तभी उसने बंदर को सबक सीखने का तय किया। इस के लिए गिलहरी ने कुछ ख़राब फल इक्कठा कर उन्हें अच्छे फलो के साथ रख दिया।

अगले दिन गिलहरी सो रहीं थी यह देखकर बंदर के मन में लालच जागा और वह गिलहरी के इक्क्ठा किये हुए फलो को लेकर जंगल भाग गया। जब गिलहरी नींद में से उठी तो उसने देखा की उसके फल तो चोरी हो चुके थे।

गिलहरी उस बंदर को ढूंढने निकली तभी उसे रास्ते में बंदर गिलहरी के फल ले जाते हुए देखा और गिलहरी उसकके पीछे दौड़ी और चिल्लाई “रुको! रुको! मेरे इक्कठा किये हुए फल तुम क्यों चुरा रहे हों?”

तब बंदर बोला नहीं मैंने तुम्हारे फलो को नहीं चुराया चाहे तो तुम देख लो। जंगल में उन दोनों का झगड़ा देख कर दूसरे जानवर भी इक्क्ठा हो चुके थे।

तभी गिलहरी ने कहा “तुम ने जो फल चुराए है उनमे सारे फल मैंने ख़राब मिलाए हुए है।”

अगर ये फल तुम्हारे है, तो इन्हे इन सबके सामने दिखावो अभी सच और झूठ का पता चल जाएंगे।

यह सुनकर बंदर ने सारे फल जमीन पर गिराए। तभी सारे जानवर उन गिराए हुए फलो को देखने लगे तभी उन्होंने पाया की सब फल ख़राब थे।

जैसा की गिलहरी ने कहा था। तब जाकर उस लालची बंदर का झूट पकड़ा गया और उसने यह कबूल किया उसने ही गिलहरी के फलो को चुराया है। अंत में उसने गिलहरी से माफ़ी भी मांग ली और गिलहरी ने उसे माफ़ कर दिया।

इस घटना के बाद बंदर ने लालच छोड़ी और मेहनत करने लगा। बंदर ने सीखा लालच से किसी का भला नहीं होता है, बल्कि मेहनत और ईमानदारी ही सब का भला होता है।

सीख :- इस Moral Stories In Hindi कहनी से हमे यह सीख मिलती है की लालच बुरी बला है।

चिड़िया और बूढ़ा पेड़-Short Moral Stories In Hindi

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चिड़िया और बूढ़ा पेड़

एक जंगल में एक सौ साल का बूढ़ा पेड़ था, वह बहोत बूढ़ा हो चूका था उसी तरह उसकी टहनियां भी टेढ़ी-मेढ़ी हो चुकी थी और पत्ते भी कम ही बचे थे। लेकिन वह जंगल का एक महत्व पूर्ण हिंसा था, जो कई सारे पक्षियों और जीवों का घर था।

उसी जंगल में एक चिड़िया रहती थी। वह दिन भर मस्ती करती, गाना गाती, उछाल कूद करती। एक दिन वह चिड़िया बूढ़े पेड़ के पास आती है कहती है क्यारे “बूढ़े पेड़ तुम इतना बूढ़े हो चुके हो, जरा सी भी हवा चली तो तुम गिर पड़ोगे।”

तब बूढ़ा पेड़ हस्ते हुए कहा “बेटा चिड़िया में जरूर बूढ़ा हो चूका हु लेकिन मेरी जड़े अब भी मजबूत है और मैं अपने जिंदगी में कई बड़े तूफ़ान इन मजबूत जड़ो की वजहस से ही झेले है।

यह सुन कर चिड़िया हंसी और उड़ गई। क्यूंकि उसे बूढ़े पेड़ ने जो कहा था वह उसे मजाक लगा था।

कुछ दिनों बाद जंगल में जोर का तूफ़ान आया। हवा बहोत ही जोरो की चल रही थी, पेड़ हिल रहे थे चिड़िया घबराई हुई थी, उसे कुछ भी सहारा नहीं मिल रहा था। तभी उसने बूढ़े पेड़ की याद आई और वह उस बूढ़े पेड़ की टहनियों पर जा बैठी। बूढ़े पेड़ ने उसे सहार दिया और तूफ़ान रुकने तक उसकी रक्षा करता रहा।

तूफान रुकने के बाद वह चिड़िया उस बूढ़े पेड़ को बोली “मुझे माफ़ कर दो मैंने तुम्हारी अहमियत नहीं समझी।”

बूढ़े पेड़ ने हस्ते हुए का “बेटा हर किसी की अपनी ताकद और कमजोरी होती है और कभीं भी किसी को अपने से कम नहीं आंकना चाहिए।

सीख :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की दिखावे से किसी की ताकद नहीं आंकी जाती हर किसी की अपनी ताकद होती है।

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मेहनती चीटियाँ और लालची लोमड़ी-Moral Stories In Hindi

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मेहनती चीटियाँ और लालची लोमड़ी

एक घने जंगल में एक लालची लोमड़ी रहती थी। वह हमेशा दुसरो को धोका देकर अपना पेट भरती थी। एक दिन जंगल में घूमते हुए उसकी नजर चीटियों के झुंड पर पड़ी जो अपने परिवार के लिए अनाज इक्क्ठा कर रही थी।

चीटियों का इक्क्ठा किया हुआ अनाज देखकर लोमड़ी के मन में लालच जगा और वह चीटियों के पास गयी और गयी और बोली “सुनो चीटियों अगर तुम्हे ज्यादा खाना चाहिए तो पास वाले खेत में चली जाओ वह बहुत सारा अनाज पड़ा हुआ है, जिसे तुम एक साथ में ही अनाज जमा कर सकोंगी।” लोमड़ी की बात उन चीटियों को सच लगी और वह अपना अनाज रास्ते में ही छोड़ कर उस खेत की और सारी चीटियाँ चली गई।

मोके फायदा उठाकर लोमड़ी ने उनका रास्ते में छोड़ा हुआ खाना खा लिया और बगल के पेड़ के छाए में सो गयी। जब चीटियों को उस खेत में कुछ नहीं मिला हुए वह सब वापस लौटकर आई तो देखा की उनका अनाज तो किसी ने खा लिया था।

उन चोटियों को समज आया था की उनका अनाज लोमड़ी ने खा लिया। तब एक चीटिने लोमड़ी से कहा “तुमने हमें धोका दिया।”

तब लोमड़ी हसते हुए बोली “मैंने तुम्हारा अनाज खाने के लिए तुमसे झूट बोला और तुम मूर्खो की तरह विश्वास कर दौड़ी चली गयी।”

उन चीटियों में से एक बूढी चीटिने कहा की तुमने आज हमे धोखा दिया कल कोई तुम्हे आकर धोखा दे जाएगा ये बात याद रखना।

कुछ दिनों बाद लोमड़ी को उसके ही साथी ने धोखा दे दिया तब उस लोमड़ी को उस बूढी चींटी की कही हुई बात याद आगयी और और अंत में वह उनसे माफ़ी मांगने पहुँचू और कहा “मुझे माफ़ कर दो मैंने तुम्हे धोका दिया यह बात सुनकर चीटियों ने उस लोमड़ी को माफ़ कर दिया।”

सीख :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की “हम जैसा बोएंगे वैसा ही हम पाएंगे” इसी लिए जिंदगी में कभी किसी धोका नहीं देना चाहिए।

गाय और घायल हाथी-Short Moral Stories In Hindi

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गाय और घायल हाथी

एक जंगल में एक गाय रहती वह मजसे से जंगल में रहती। एक दिन जब वह ऐसे ही जंगल में घास खा रही थी तभी उसने देखा की एक घायल हाथी एक पेड़ के निचे बैठ हुआ है। तभी गाय उस के पास गयी और बोली “अरे हाथी भाई तुम ऐसे क्यों बैठे हो यहां।”

तब हाथी बोला “में अब बूढ़ा और घायल हो गया हु इसी लिए मेरे झुंड ने मुझे अकेला छोड़ दिया।” तभी गाय को उसके घाव देखकर उसपर दया आई और उसने उसे कुछ खाने को लाया।

कुछ दिनों तक गाय ने उसे ऐसे ही खाना दिया और हाथी के जख्मों का इलाज किया। कुछ हफ्तों बाद वह बूढ़ा हाथी ठीक हो गया और उसने गाय का शुक्रियादा किया और कहने लगा “गाय दीदी में आज सिर्फ तुम्हारी बदौलत जिन्दा हु में यह कभी नहीं भूलूंगा।”

एक दिन गाय जब जंगल में घास खा रही थी। तभी कुछ शिकारियों की नजर उस गाय पर पड़ी और वह उस गाय को मारने के लिए उसके पीछे भागे, तभी यह देख हाथी उन शिकारिओं पर हमला कर देता है और गाय की जान बचा लेता है।

इस घटना के बाद वह जंगल के दूसरे जानवरो को दिखा देते ही की प्यार और दयालुता से किसी भेद को मिटाया जा सकता है।

सीख :- इस घटना से हमे यह सीख मिलती है की दयालुता से किसी भी मतभेद को मिटाया जा सकता है।

राजू और चिड़िया-Moral Stories In Hindi

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राजू और चिड़िया

एक गांव में राजू नाम का लड़का रहता था। वह बहोत ही मेहनती और नेक लड़का था। एक दिन वह काम करके घर लौट रहा था। तभी उसने देखा की एक चिड़िया उस के घर के छत के कोने पर उड़ रही थी, और वह उसने देखा की वह चिड़िया बहोत ही घबराई हुई थी।

जब राजू घर के छत पर चढ़ कर देखा तो उसने देखा की चिड़िया ने वहा एक सुंदर घोसल बनाय था, और उसमे उस चिड़िया के दो नन्हे बच्चे थे तभी उसने देखा की घोसले के बाजू में एक छेद है। जिस की वजहसे जोरो की ठंडी हवा घोसले में घुस रही थी।

इसी कारण चिड़िया के बच्चे ठंड़ से काँप रहे थे। तभी राजू नेने चिड़िया की मदत करने की ठानी, और वह बाजार चला गया उसने बाजार से एक पत्रा और तार लाया,और उनसे उस छेद को बंद कर दिया।

एक दिन जोरो की तूफान आया पर चिड़िया और उसके बच्चो को कुछ भी नहीं हुआ। इस बात के चिडियाने राजू को शुक्रियादा किया।

यह बात जब गांववालों को पता चली तो उह्नोने उसके काम की सराहना की जिसे राजू भी खुश हो गया।

सीख :- इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की दूसरों के लिए किये हुए छोटे कामो का भी बड़ा महत्व होता है। जिसके कारण किसी के जीवन में ख़ुशी आती है।

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कहानी निष्कर्ष :-

इन सभी Moral Stories In Hindi की कहानियां हमे यह सिखाती है की हमे अपने जीवन में दयालुता, सदभावना और मन में लालच नहीं होना चाहिए। ये कहानियां हमे जीवन में किसी की मदत करनेका महत्व सिखाती है। जो हमे एक अच्छा और नेक इंसान बनने में मदत करती है।

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