हेलो दोस्तों, आज मैं आपके साथ कुछ Majedar Hindi Moral Stories For Class 5 Student के लिए साझा करने आया हूँ, जो आपके चेहरे पर हसी लाएंगी और हंसी के साथ-साथ आपको मूल्यवान सिख भी सिखाएंगी। ये Moral Stories आपकी कल्पना को बाँधने का वादा करती हैं और आपके जीवन के अनगिनत पहलुओं से जुड़े दृष्टिकोण को भी प्रदान करेंगी।
इन Majedar Hindi Moral Stories For Class 5 Student कहानिओं की दुनिया में,आप हंसी, ज्ञान,और जीवन के अनुभवों के साथ भरी एक और यात्रा पर निकलेंगे। चालाक पात्रों के मध्य से गुजरते हुए लेकर दोस्ती और सहयोग की दर्दभरी कहानियों तक, प्रत्येक कहानी का अपना विशेष प्रभाव है,जो आप इन कहानियों में करसकेंगे।
जब आप इन किस्सों में डूबेंगे, तो आपको यह एहसास होगा कि कहानी का सौंदर्य हमारे सांस्कृतिक भूषण में बुना गया है। ये किस्से सिर्फ मनोरंजन नहीं करते, बल्कि जीवन के रंग-बिरंगे पहलुओं में हमें गहराई से समझदारी भी प्रदान करते हैं।
1-बीज की कहानी:- Majedar Hindi Moral Stories For Class 5 Student
एक नदीके किनारे एक बीज पड़ा था और वह बहोत छोटा था। तभी वहा एक चिड़िया आई और चोंच मारकर बीज को खाने लगी तभी बीज बोला “रुकी रहो -रुकी रहो” जमीन में मुझे गड़ने दो और डाल पात होने दो यह सुनकर चिड़िया वहा से उड़ गयी।
कुछ दिनों बाद बारिश हुयी, पानी और धुप पाकर बीज में अंकुर फूटा। फिर कुछ दिन बाद वहां एक बकरी आई और उसे खाने लगी तभी वह बीज जो अब अंकुर बन चुकता वह चिल्लाने लगा “रुकी रहो – रुकी रहो” जड़ो को गेहरी जाने दोऔर पानी, खाद खाने दो तब तुम मुझे खा लेना यह सुन कर बकरी वहासे चलीं गयी।
थोड़े दिनों बाद बीज अब अंकुर से एक छोटा पौधा बन चूका था। कुछ दिनों बाद एक गाय वहा आई और उसने पौधे को खाने के लिए अपना मुँह खोला इतने में पौधे ने कहा “रुकी रहो -रुकी रहो” डाल पात होने दो पानी,खाद खाने दो तब तुम मुझे खाना ये सुनकर गाय रंभाती हुई चली गयी।
बहोत दिन बीत गए वह बीज अब एक बड़ा पेड़ बन चूका था। तभी कुछ दिनों बाद वही चिड़िया,गाय,और बकरी वहा आई तीनोंने एक दुसरेसे पूछा वह पौधा अब कहा गया तभी वह पेड़ बोला मैही बीज हु मैही अंकुर हु मैही पौधा हु और मैही पेड़ हु और अब में तुम सब के काम आ सकता हु ये सुनकर सब खुश हो उठे।
सीख: मेहनत और सहायता के संयम सेही सफलता हासिल होती है।
2-ईमानदार मुर्गा:- Majedar Hindi Moral Stories For Class 5 Student
एक गाँव में एक मुर्गा रहता था। उसका कार्य रोज सवेरे बांक देकर सबको उठाना था। हर मौसम में वह निरंतर बिना चूक के समय से बाक देता था।
उसकी बांक सुनकर सभी लोग अपने काम पर जाते थे। सभी उसके काम से प्रसन्न थे, क्योंकि कोई भी काम पर देरी से नहीं पहुँचता था।
उसके इसी ईमानदार कार्य के कारण उसे हर वर्ष सालाना उत्सव में नगर समिति की और से इनाम मिलता था।
एक उस मुर्गे से मिलने पड़ोस के गांव से उसका दोस्त आया।
वह उसके लिया एक तोहफा लाया था।
वह तोहफा एक अलार्म घडी थी। मुर्गे ने सोचा की जब वह खुद सुबह सबको उठता है, तो मेरे लिए अलार्म घडी किस काम की?
उसके दोस्त समजाया की वह अपनी आवाज में अलार्म भर दे तो उसकी जगह घडी बांक देगी और वह देर तक सो सकेगा।
मुर्गे ने सोचा की उसे इसका इस्तेमाल करना चाहिए और अगर इस घडी ने उसका काम कर दिया तो वह आराम से सो सकता है। एक रात उसने अपनी आवाज में अलार्म भरा।सुबह घडी बिल्कुल सही समय पर बजी और सभी लोग उठ गए।
मुर्गे ने सोचा घड़ी अच्छा काम करती है। और उस दिन से वह अपने कानों में रुई डालकर देर तक सोने लगा। यह सिलसिला कुछ दिनों तक चला।
कुछ दिन के बाद एक दिन अलार्म घडी नहीं बजी। लेकिन मुर्गा उससे अनजान रहता है। सब लोगो को उठने में देर हो जाती है, पर वह ये सोचते है की शायद मुर्गे की तबियत ख़राब होंगी।
परन्तु अगले ही दिन फिर घडी नहीं बजती है। तब सभी लोग मुर्गे के पास जाते है और देखते है मुर्गा बड़े आराम से सो रहा है। वह उसे उठाकर डाँटते है, और उससे पूछा जाता है की वह अपना कार्य क्यों नहीं कर रहा है ?
वह मुर्गा घड़ी की बात बताता है।
नगर समिति उसके दोस्त को पूछते है और फिर उसका दोस्त बताता है की वह मुर्गे के अच्छे काम से मिले इनामो से ईर्ष्या करता था। और वह उसे डाँट पड़वाना चाहता था। इसीलिए उसने अपने दोस्त को खराब घड़ी भेट की।
अंतत ईमानदार मुर्गे का दोस्त उससे माफी मांगता है।
सीख :- हमने सीखा हमें दूसरे लोगों या वस्तुओं पर इतना निर्भर नहीं रहना चाहिए की हम अपने कर्तव्य को ही भूल जायें
3-सपना सच होता है:- Majedar Hindi Moral Stories For Class 5 Student
एक समय की बात है, एक छोटेसे गांव में संग्राम नाम का एक छोटा लड़का रहता है। संग्राम बड़ा ही मेहनती और उत्साही लड़का था। वह अपने पढाई में बहोत मेहनत करता था और हमेशा अव्वल अंक प्राप्त करता था।
एक दिन उसके गांव की स्कूल में एक प्रतियोगिता हुई, जिसमे सभी छात्रों को कहा गया कि वे अपनी पसंदीदा कहानी सुना सकते है। संग्राम ने भी सोचा की वह भी अपनी कहानी सब को सुनाएगा।
कुछ विद्यर्थिओ की कहानी सुनाना होने के बाद संग्राम का नंबर आया जब संग्राम ने बताया की उसका सपना है की वह एक आईएएस अफसर बनना चाहता है,और अपने समाज और लोगो की वह सेवा करना चाहता है। अपने गाँव का नाम रोशन करेंगा और सभी लोग उससे गर्वित महसूस करेंगे। संग्राम ने कहा कि उसने इस सपने को साकार करने के लिए खूब मेहनत करेगा।
संग्राम की कहानी सबको पसंद आई और उसे स्कूल का गर्वित सितारा माना गया। संग्राम ने अपने सपनों के पूर्ति के लिए मेहनत और आत्मविश्वास का एक सन्देश दिया।
सीख :- मेहनत और समर्पण से ही हम अपने सपनों को साकार कर सकते है।
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कहानियों का निष्कर्ष:- Majedar Hindi Moral Stories For Class 5 Student
इन तीनों Majedar Hindi Moral Stories For Class 5 Student सुंदर कहानियों ने हमें जीवन के विभिन्न मूल्यों और शिक्षाओं से परिपूर्ण किया और हर कहानी ने बच्चों और वयस्कों को जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं के प्रति जागरूक किया है।
“बीज की कहानी” ने हमें सिखाया है कि सहायता, समर्थन, और साझेदारी से हम जीवन की हर मुश्किल को पार कर सकते हैं।
“ईमानदार मुर्गा” कहानी ने हमें ईमानदारी और मेहनत के महत्व को समझाया है, जिससे हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सफल हो सकते हैं।
“सपना सच होता है” ने हमें यह बताया है कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत, समर्पण, और आत्मविश्वास का होना आवश्यक है।
इन सभी Majedar Hindi Moral Stories For Class 5 Student कहानियों का निष्कर्ष हमें यह शिक्षा देता है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें उदाहरणों से सीखना चाहिए और हमें उनसे सिख लेनी चाहिए। यह हमें बताता है कि हमारी मेहनत, आत्मविश्वास, और सहायता से ही हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं और जीवन में सुख-शांति बनाए रख सकते हैं।