Buddha Motivational Story In Hindi | गौतम बुद्ध की शिक्षाप्रद कहानी

Buddha Motivational Story In Hindi – गौतम बुद्ध की शिक्षाप्रद कहानियां हर वर्ग के व्यक्ति को प्रेरित करती है। ये कहानिया एक ऐसी जिंदगी की कहानी बया करती है जिसमे शांति और सुकून हो और कहते है ना सारा मसला तो सुकून का है वरना जिंदगी तो हर कोई काट रहा है। गौतम बुद्ध की शिक्षाप्रद कहानी हमे अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रेरित करती है। ये कहानिया सीख देती है जिसे हम अपने जीवन में अपनाकर असफलता पर जीत पा सकते है। गौतम बुध्द कहते है अगर आप दूसरों के लिए दिया जलाते है तो यह आपके रास्ते को भी रोशन कर देता है।

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असफलता

Buddha Motivational Story In Hindi
गौतम बुद्ध इमेज

ये बात उन दिनों की है जब गौतम बुद्ध आत्मज्ञान की खोज में तपस्या कर रहे थे और उनके मन में विभिन्न प्रकार के प्रश्न उमड़ रहे थे। उन्हें प्रश्नो का उत्तर चाहिए था लेकिन अनेक प्रयासों के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिली। वे आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए कढोर तपस्या करने लगे, अनेक कष्ट सहन किये और कई स्थानों की यात्राए की परंतु जो समाधान उनको चाहिए था वह उनको मिला नहीं।

एक दिन गौतम बुद्ध के मन में कुछ निराशा जनक विचार आने लगे और वे सोचने लगे की धन, माया, मोह और संसार के भी समस्त वस्तुओं का भी त्याग कर दिया फिर आत्मज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई और क्या में कभी आत्मज्ञान प्राप्त कर सकूंगा और मुझे आगे क्या करना चाहिए इसी प्रकार के अनेक प्रश्न गौतम बुद्ध मन में निर्माण हो रहे थे।

गौतम बुद्ध को तपस्या में सफलता की कोई किरण नहीं दिखाई दे रही थी और उन्होंने अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ी थी वे उदास मन से इन्हीं प्रश्नों पर विचार कर रहे थे तभी इसी दौरान उन्हें प्यास लगी और वे अपने आसन से उठकर जल पिने के लिए सरोवर के पास गए। वहा उन्होंने एक अदभुत दृश्य देखा वहा एक गिलहरी अपने मुँह में कुछ फल लिए सरोवर के पास आयी और फल उसके मुँह से छूटकर सरोवर में गिर गया।

गिलहरी ने देखा की फल पानी की गहराई में जा रहा है तभी गिलहरी पानी में छलांग लगा दी और उसने अपना शरीर पानी में भिगोया और बाहर आयी और बाहर आकर उसने अपने शरीर पर लगा पानी झाड़ दिया और दोबारा सरोवर में कूद गई उस गिलहरी ने यह कार्य करना जारी रखा।

बुद्ध उसे देख रहे थे लेकिन गिलहरी इस बात से अनजान थी और वह लगातार अपने काम में जुटी रही तभी बुद्ध सोचने लगे ये कैसी गिलहरी है जो सरोवर का जल कभी नहीं सूखा सखेंगी लेकिन इसने हिम्मत नहीं हारी और वह पूरी शक्ति लगाकर सरोवर में खाली करने में जुटी है।

अचानक गौतम बुद्ध के मन में एक विचार का उदय हुआ “यह तो गिलहरी है फिर भी यह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में जुटी हुई है और में तो मनुष्य हु आत्मज्ञान प्राप्त नहीं हुआ तो मन में निराशा के भाव आने लगे अब में पुनः तपस्या में जुट जाऊंगा।”

इस प्रकार गौतम बुद्ध ने गिलहरी से शिक्षा प्राप्त की और तपस्या में जुट गए फिर एक दिन वो भी आया जिस दिन उन्हें आत्मज्ञान प्राप्त हुआ।

सीख:

गौतम बुद्ध की शिक्षाप्रद कहानी से हमे सीख मिलती है की जीवन में हमे असफलताओं की वजहसे कभी हार नहीं मान लेनी चाहिए और ये जो भी असफलताएं आती है उनसे हमे सीख लेकर आगे बढ़ाना होता है।

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उपदेश – Buddha Motivational Story In Hindi

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गौतम बुद्ध इमेज

गौतम बुध्द एक स्थान पर बैठकर साधना में लीन थे और कुछ देर के बाद उन्होंने अपनी आँखे खोली तो उन्होंने अपने प्रिय शिष्यों को अपने सामने पाया। सभी शिष्य गौतम बुद्ध से कुछ जाने के लिये आतुर थे तभी एक शिष्य ने आगे बढ़कर कहा हम जानना चाहते है की उपदेशों का वास्तविक मूल्य क्या होता है।

शिष्यों को सम्बोधित करते हुए गौतम बुद्ध बोले की यह आवश्यक नहीं की कोई भी साधु संत पूर्ण व्याख्या करके ही उपदेश दे बल्कि वह किसी भी कार्य अथवा इशारे द्वारा भी उपदेश का महत्व समझा सकता है और इसी विषय में में तुम्हे एक कहनी सुनाता हु ध्यान से सुनो।

एक नगर में एक शेठ रहता था उसके पास अपार धन संपदा थी और उसका व्यापार दूर-दूर तक फैला हुआ था। एक दिन एक साधु उसके दरवाजे पर भिक्षा मांगने आया तभी शेठ ने उसे भिक्षा दी और वह साधु जाने लगा तो शेठ ने उसे रोककर कहा महाराज मुझे कुछ उपदेश तो देते जाए।

साधु ने शेठ की तरफ देखा और बोला हफ्ते भर बाद जब वापस आऊंगा तब उपदेश दूंगा। अपने वादे के अनुसार साधू फिर आया और शेठ उसकी ही राह देख रहा था। शेठ ने उसे देने के लिए तरह-तरह के पकवान तैयार कर रखे थे। साधुने उसके आगे अपना कमंडल कर दिया लेकिन शेठ जैसे ही कुछ पकवान डालने लगा तभी उसका हाथ वही के वही रुक गया।

शेठ बोला महाराज इसमें तो कूड़ा है तो साधु ने प्रश्न भरी निगाह से उसकी तरफ देखा तभी शेठ ने कहा इसे साफ़ कर दीजिए साधुने उसे साफ़ कर दिया। शेठ ने उसमे खाने की चीजे दाल दी जब भिक्षा लेकर साधू जाने लगा तब शेठ ने कहा महाराज आप तो जा रहे है और क्या आप भूल गए क्या आज अपने मुझे उपदेश देने का वचन दिया था।

साधु बोला क्या तुम्हे उपदेश नहीं मिला तो सुनो मेरे कमंडल में कूड़ा था तब तुमने उसमे खाने की चीजे नहीं डाली बल्कि तुमने उसे साफ़ करवा लिया। इसी तरह तुम्हारे अंदर काम, क्रोध, लोभ और मोह आदि ना जाने कितनी बुराइया भरी पड़ी है पहले उन्हें साफ़ करो तब तुम कुछ पा सकोंगे।

शेठ को साधु के उपदेश का महत्त्व समझ आया और उसने उसे अपने जीवन में ढालने का निर्णय लिया।

सीख:

गौतम बुद्ध की शिक्षाप्रद कहानी से हमे सीख मिलती है की हम सब के अंदर कुछ ना कुछ बुराइया या कमी होती है। हमे उनके बारे में पता कर और उन्हें दूर कर आगे बढ़ाना चाहिए।

गौतम बुद्ध के 17 उपदेश

  1. वर्तमान ही मनुष्य की ख़ुशी का रास्ता है।
  2. मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु क्रोध है।
  3. लोग तभी इज्जत देंगे जब आप खुद पर जीत प्राप्त करेंगे।
  4. सुर्य, चंद्र और सच कभी नहीं छिपते है।
  5. हमेशा मन में प्रेम की भावना रखे।
  6. खुशिओं को जितना बाटेंगे उतना ही वह बढ़ती रहेंगी।
  7. दूसरों का बुरा ना करे।
  8. जीवन का उद्देश्य सही रखे।
  9. खुद के जैसा औरो को भी समझना।
  10. दूसरों को सुख दे।
  11. स्वयं पर विजय प्राप्त करे।
  12. किसी भी व्यक्ति से वैर भाव ना रखे।
  13. पशु हिंसा से बचे।
  14. चार्म धारण ना करे।
  15. दुःख का कारण तृष्णा है।
  16. कभी भी दूसरों की गलतियों क्षमा कर देना चाहिए।
  17. हमेशा लाचार और जरूरतमंदों की मदत करनी चाहिए।

आपको Buddha Motivational Story In Hindi कैसी लगी हमे कमेन्ट करके के जरूर बाताए और ऐसे ही हिंदी की गौतम बुद्ध की शिक्षाप्रद कहानी  पढ़ने के लिए Hindi Ki Story के साथ जुड़ते रहे ! आपका धन्यवाद !

 

 

 

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