Indian Mythology Stories For Child In Hindi

Indian Mythology Stories For Child In Hindi:- भारतीय पौराणिक कहानिया हमारे इतिहास का एक महत्व पूर्ण अंग है। ये कहानिया छोटे और बड़ों में धार्मिक और आध्यत्मिक धारणाओं को बढ़ाने में मदत कराती है और हमे जीवन के पहलु समझने में मार्गदर्शन करती है।
भारतीय पौराणिक कहानिया विभिन्य प्रकार की कहानियों से भरी हुई है। ये कहानिया छोटे बच्चों और बड़ों को उनके अच्छे और बुरे कर्मों के बारे में समझाती है।

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रामायण और दिवाली की कहानी – Mythological Stories With Moral

Indian Mythology Stories For Child In Hindi
रामायण और दिवाली की कहानी

दिवाली ख़ुशी और समृद्धि का त्यौहार है और यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई के जित के लिए मनाया जाता है। ये कहानी श्रीराम और रावण से जुडी है इसी लिए सी त्यौहार का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

बहोत सालों पहले दशरथ नाम के राजा थे जो अपने तीन पत्निओं और चार बेटों के साथ अयोध्या नाम की नगरी में राज किया करते। पर राजा दशरथ की एक पत्नी राम से बहोत जलती थी।

उन्होंने राम को १४ साल का वनवास यानि की जंगल में उनको भेज देने की मांग की ताकि उनका बेटा भरत राज गद्दी पर बैठ सके और राजा अपने बात के पक्के होने के कारण राम को वनवास पर भेज देते है।

राम अपनी प्यारी पत्नी सीता और अपने प्यारे भाई लक्ष्मण के साथ वनवास के लिए निकल जाते है। कुछ साल वनवास में रहने के बाद एक दिन शूर्पणखा नाम की राक्षसी राम को देख के शादी का प्रस्ताव रख देती है पर राम शादी का प्रस्ताव रद्द कर देते है और उसे लक्ष्मण के पास जाने को बोल देते है।

लेकिन लक्ष्मण भी शूर्पणखा का शादी का प्रस्ताव रद्द कर देते है। यह सुनकर शूर्पणखा बहुत गुसा हो जाती है और अपना असली रूप लक्ष्मण को दिखाती है जिसके बाद लक्ष्मण उसके नाक और कान काट देते है।

शूर्पणखा रोते हुए अपने भाई रावण के पास जाती है जो की लंका का असुर राजा था। रावण गुस्से में आकर राम से बदला लेने की ठान लेते है।

रावण दूसरे असुरों की मदत लेते है और उनमेसे एक को सुनहरे हिरन का रूप लेकर राम और लक्ष्मण का ध्यान भटकाते है तो दूसरी और रावण कुटिया से सीता का हरण कर लेते है।

राम और लक्ष्मण वापस आते है तब वह कुटिया से सीता को लापता पाते है। तब उन्हें पता चलता है की जब वे दोनों यहाँ नहीं थे तब कुछ न कुछ तो बुरा हुए है और फौरन वो दोनों सीता को ढूंढने निकल पड़ते है।

रास्ते में उनको वानरों और भालुओं की सेना मिलती है जो उनकी मदत करने के लिए तैयार हो जाती है। उनमेसे एक वानर का नाम था हनुमान और उसने राम की हमेशा सेवा करने का प्रण लिया था। अब हनुमान तो कोई साधारण वानर तो नहीं थे वो पहाड़ों से भी ऊंचा उड़ सकते थे और उनमे अलौकिक शक्तिया भी थी।

हनुमान एक ही छलांग में पूरा समंदर पार कर सकते थे इसीलिए वह राम के सबसे प्यारे मित्र बन जाते है। वो हनुमान ही थे जो रावण की लंका के एक सुन्दर बगीचे में सीता को बंधक पाते है। हनुमान सीता से वादा करते है की राम उनको छुड़ाने जल्दी ही आएंगे और हनुमान राम के पास सीता का पता लेकर आते है।

जिसके बाद राम अपने मित्र हनुमान और वानरों की सेना लेकर लंका की और रवाना हो जाते है। जल्दी ही दोनों शक्तिशाली सेनाओं में युद्ध होता है और राम की सेना असुरों की सेना को मार देती है सिवाय रावण के।

इसीलिए अब ये जंग सिर्फ राम और रावण के बिच रह जाती है। तभी राम रावण को अपनी गलती सुधारने का और सीता को लौटाने एक आखरी मौक़ा देते है पर रावण तो राम पर हथियारों की बारिश कर देता है और राम भी लगातार रावण पर प्रहार करते पर फिर भी वह रावण को हरा नहीं पाते है।

आखिर में रावण के भाई विभीषण राम को बताते है की रावण की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी नाभि में है। जिसके बाद भगवानों का दिया हुआ तीर रावण के नाभि में मारते है जिससे रावण की मृत्यु वही हो जाती है।

आखिर में राम और उनकी प्यारी पत्नी सीता फिर से एक हो जाते है। १४ सालों का वनवास पूरा करके राम अपनी पत्नी और भाई के साथ अपने राज्य लौट आते है।

इसीलिए हर साल हम रास्तों, घरों और दफ्तरों को दीयों से सजाकर दिवाली का त्यौहार धूम-धाम से मनाते है। ठीक उसी तरह अयोध्या की नगरी राम और सीता के लौट आने पर सजी हुई थी।

सीख:- इस (Indian Mythology Stories For Child In Hindi) कहानी से हमे यह सीख मिलती है की भलाई के लिए निरंतर प्रयास करते रहना और अन्य की मदत करने के लिए सदा तत्पर रहना हमें सच्चे मार्ग पर ले जाता है।

देवी दुर्गा और नवरात्रि की कहानी – Indian Mythology Stories For Child In Hindi

Indian Mythology Stories For Child In Hindi
देवी दुर्गा और नवरात्रि की कहानी

भारतीय पौराणिक की कहानी भय और आचर्य को जगाने वाली कहानिओं से भरपूर है और ऐसी ही एक कहानी है देवी दुर्गा की है।

हजारों साल पहले महिषासुर नामक एक अत्याचारी राक्षस था और वह आधा दानव और आधा भैंस था। महिषासुर ने भगवान ब्रम्हा को प्रसन्न करने के लिए हजारों सालो तक तपस्या की ताकि वो अमरत्व प्राप्त कर सके। बहोत तपस्या के बाद उसकी योजना सफल हुई और भगवान ब्रम्हा उसके पास आए और उसे बोला, “में तुम्हारी भक्ति से प्रसन्न हु मांगो तुम्हे क्या वरदान चाहिए।”

बिना पलक झपकाए महिषासुर ने कहा, “प्रभु में चाहता हु की कोई भी पुरुष या देव मुझे मार ना सके” भगवान ब्रम्हा ने आशीर्वाद देते हुए कहा तथास्तु तुम्हारी इच्छा पूरी हों। ब्रम्हा की आँखों की चमक इस बात का संकेत दे रही थी की वरदान मांगते समय महिषासुर से शायद कोई भूल हो गई है।

इसके बाद महिषासुर स्वयम को अमर मानने लगा क्यूंकि कोई भी पुरुष या देव उसे मार नहीं सकता था। अपने आक्रोश और अहंकार में महिषासुर ने पृथ्वी को तबाह कर दिया और उसने स्वर्ग से सभी देवताओं को भी भगा दिया।

सभी देवता भयभीत होकर भगवान ब्रम्हा, विष्णु और शिव के पास पहुचें और उनको इस घटना के बारेमें बताया। कुछ देर एकजुट होकर उन्होंने एक दिव्य प्रकाश का निर्माण किया और एक बड़ा प्रकाश जो इससे पहले कभी किसी नहीं देखा होगा।

इस दिव्य प्रकाश से दस हांथो वाली आधी शक्ति रूपी देवी दुर्गा प्रकट हुई। एक-एक करके सभी देवताओंने देवी दुर्गा को कई शास्त्रों से सुसज्जित किया और भगवान विष्णु से उन्हें सुदर्शन चक्र प्राप्त हुआ।

ब्रम्हा ने उन्हें एक कमंडल दिया, सागर के देवता वरुण ने उन्हें तीरों से भरा एक तरकश प्रदान किया, मृत्यु के देवता यम ने उन्हें एक शक्तिशाली राजदंड दिया , भगवान इंद्र से उन्हें एक वज्र प्राप्त हुआ, विश्वकर्मा ने उन्हें एक कुल्हाड़ी दी, काल ने उन्हें एक प्रखर तलवार दी, भगवान इंद्र के सफ़ेद हाथी ऐरावत ने उन्हें एक घंटी दी जिसके ध्वनि से दानव भ्रमित हो जाते थे।

भगवान शिव ने उन्हें एक त्रिशूल दिया, हिमालय ने देवी दुर्गा को सवारी के लिये सिंह भेट किया। इस सभी अस्त्र-शस्त्र से सुसज्जित देवी दुर्गा महिषासुर से युद्ध करने को तैयार थी।

देवी दुर्गा और महिषासुर के बिच दस दिन घमासान युद्ध चला दसवे दिन देवी दुर्गा महिषासुर सर कांटने में सफल हुई। अंतह जीवन का संतुलन वापस ठीक हो गया।

इसी विजय को प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा की रूप में मनाया जाता है। बंगाल में दुर्गा पूजा एक १० दिनों का महोत्सव होता है और इसी दिन भगवान राम ने भी रावण का भी वध किया था।

सीख:- इस (Indian Mythology Stories For Child In Hindi) कहानी से हमें यह सीख मिलती है की जीवन में हर किसी को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन हमें उस कडहिं समय में भी साहस और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।

FAQ:-

  1. रामायण का दिवाली से क्या संबंध है?
    इसी दिन राम अपने १४ सालों का वनवास पूरा करके राम अपनी पत्नी और भाई के साथ अपने राज्य लौट आते है और इसीलिए हर साल हम रास्तों, घरों और दफ्तरों को दीयों से सजाकर दिवाली का त्यौहार धूम-धाम से मनाते है। ठीक उसी तरह अयोध्या की नगरी राम और सीता के लौट आने पर सजी हुई थी।
  2. नवरात्रि की असली कहानी क्या है?
    देवी दुर्गा और महिषासुर के बिच दस दिन घमासान युद्ध चला दसवे दिन देवी दुर्गा महिषासुर सर कांटने में सफल हुई। अंतह जीवन का संतुलन वापस ठीक हो गया। इसी विजय को प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा की रूप में मनाया जाता है। बंगाल में दुर्गा पूजा एक १० दिनों का महोत्सव होता है और इसी दिन भगवान राम ने भी रावण का भी वध किया था।
  3. पौराणिक कथाओं की कहानियां बच्चों को क्या सिखाती हैं?
    ये कहानिया छोटे बच्चों और बड़ों को उनके अच्छे और बुरे कर्मों के बारे में समझाती है और अच्छी सीख देती है।

आपको भारतीय पौराणिक कहानिया कैसी लगी हमे कमेन्ट करके के जरूर बाताए और ऐसे ही अच्छी कहानिया ( Indian Mythology Stories For Child In Hindi ) पढ़ने के लिए Hindi Ki Story के साथ जुड़ते रहे ! आपका धन्यवाद !

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