Heart Touching Motivational Story In Hindi | मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी

Heart Touching Motivational Story In Hindi एक साधारण और असाधारण साहस और दृढ़ संकल्प की है, जिससे हम अपने जीवन में आने वाले हर कठिनाई का सामना अपने मजबूत इरादों से आसानी से है। मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी की यह कहानी सिखाती है कि हर सफलता सिर्फ मेहनत और खुद पर विश्वास करने का ही परिणाम होती है। चाहे हालात कितने भी विपरीत क्यों न हों, अगर हमारे दिल में अपने सपनों को साकार करने का जुनून और अटूट हौसला हो, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं। मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी इस प्रेरणादायक कहानी में हमे न केवल संघर्ष की सीख मिलती है, बल्कि यह भी दिखाया गया है कि हर असफलता हमें एक नया सबक सीखने को मिलता है और जिसके के चलते हम अपनी मंज़िल के और करीब ले जाती है और पाने मदत करती है।

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             Heart Touching Motivational Story In Hindi

1-समय की कीमत

Heart Touching Motivational Story In Hindi

मिट्टी खोदने वाला एक मजदुर था। वह हर रोज मिटटी खोदकर और अपने गधे पे लाद कर वह उस मिटटी को अपने कारीगर की जगह पर ले जाता था। ऐसे ही एक हर रोज की तरह मिटटी खोद रहा था तभी उसे जमीन में से एक चमकीला पत्थर मिला।

वह पत्थर बड़ा ही चमकीला और खूबसूरत था तभी उसने वह पत्थर साफ़ कर अपने प्यारे गधे के गले में बाँध दिया और फिर से मिटटी भरकर वहा से जाने लगा। जब वह मिटटी अपने गधे पर लादकर रास्ते से जा रहा था तभी उसे रास्ते में गावं के एक शेठ जी मिले।

शेठजी गांव में अपनी छोटी सी किराणे की दूकान चलाया करते थे। इसी के चलते सारे गांव वाले उन्हें शेठजी कहा करते तभी शेठजी उस मजदुर को अपने गधे के साथ जाते हुए देखा और पूछा “अरे भाई कहा जा रहे हो इसे लेकर।”

तभी मजदुर बोला बस जा रहा हु अपने काम पर, तब शेठजी बोले अरे भाई गधे के गले में जो पहना हुआ है उसे कहा लेकर जा रहे हो तभी मजदुर बोला शेठजी ये तो मुझे जमीन खोदते वक्त मुझे मिल गया।

तभी शेठजी ने कहा ये चमकीला पत्थर मुझे पसंद आया है क्या तुम इसे मुझे बेचोंगे और कितने में दोंगे अब मजदुर बोला शेठजी आप मुझे एक किलो गुड़ देदो में इसे आप को बेच दूंगा। शेठजी ने मजदुर को एक किलो गुड़ दे दिया और उससे चमकीला पत्थर ले लिया। अब शेठजी ने वह चमकीला पत्थर अपने किराने की दूकान के तराजू की डंडी पर बाँध दिया।

एक दिन उनकी गांव में एक जोहरी आया तब उसने देखा की शेठजी की दूकान में तराजू की डंडी से हिरा बंधा हुआ है और यह देख वह जोहरी चौक गया। तभी उसने शेठजी से पूछा “शेठजी यह क्या है?”

शेठजी ने जवाब दिया की यह एक चमकीला पत्थर है और हमारे गांव में मिला तो इसे बड़े शोक से बांध रखा है। तभी जोहरी ने कहा शेठजी क्या आप इसे मुझे दे दोंगे तभी शेठजी बोला हां क्यों नहीं १०० रुपये दे और यह में तुम्हे अभी दे देता हु।

जोहरी बड़ा ही कंजूस था उसने कहा १०० नहीं ८० रुपये दूंगा, शेठजी ने कहा नहीं देना है तो १०० रुपये दो। पर वह जोहरी भी शेठजी से वह हिरा १०० खरीदने को तैयार नहीं था तो उसने सोचा की कल फिर आऊंगा तो शेठजी यह हिरा मुझे ८० रुपये में दे ही देंगे यह सोच वह दूकान से चला जाता है।

उसी दिन एक दूसरा जोहरी भी उसी रास्ते से जा रहा था और उसकी गाड़ी वही ख़राब हुई तभी वह अपने गाड़ी के ड्राइवर के गाड़ी ठीक करने का इन्तजार लगा। तभी बगल में उसे की दुकान और वह कुछ खाने की चीज लाने के लिए वह चला गया। तभी उसने देखा की तराजू की डंडी से हीरा बंधा हुआ है अब उससे रहा नहीं गया।

उसने शेठजी से कहा यह आप कितने में दोंगे तभी शेठजी ने कहा १०० रूपए। वह दूसरा जोहरी था वह बड़ा ही समझदार था उसने शेठजी को १०० रुपए दिए और वह हिरा रख लिया और वह से जल्दी से निकल लिया। अब अगले दिन वह कंजूस जोहरी आया और शेठजी को उस पत्थर के बारे में पूछने लगा। तब शेठजी बोला दूसरा आदमी आया था कल शाम में उसने मुझे १०० रूपए दिए और खरीद कर ले गया।

अब कंजूस जोहरी को बहुत गुस्सा आया और वह शेठजी को कहा “तुम्हे पता भी है वह चमकीला पत्थर नहीं था वह एक बहुत ही महंगा हीरा था और तुमने भी उसे ऐसे ही दे दिया सिर्फ १०० रूपए में।”

अब शेठजी ने कंजूस जोहरी से कहा “भाई मुझे तो पता भी नहीं था की वह चमकीला पत्थर एक हिरा है और तुम तो समझदार हो और तुम्हें जब पता था की वह एक लाखों का हीरा है तो २० रूपए के लिए क्यों देख रहे थे।”

तुम १०० रुपए देकर कल उससे ले सकते थे पर तुमने अपनी कंजूसी के चलते यह मौक़ा गवा दिया और तुम मुझसे बड़े बेवकूफ हो अब कंजूस जोहरी इसके अलावा अब कर भी क्या सकता था। अब उसे अपने कंजूस स्वभाव पे पछतावा होने लगा।

सीख:-

यह कहानी हमें सिखाती है जीवन में सभी को कभी न कभी एक बार जरूर कुछ करने का मौक़ा मिलता है पर लेकिन हम में से कई लोग कल करेंगे, अगले महीने करेंगे, अगले साल से शुरू करेंगे इसी सब के चलते मौक़ा गवा देते है और कुछ नहीं कर पाते है।

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2-ग्यारा गांव

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एक पंचायत में ग्यारा गांव थे जहा पिछले कई सालों से सूखा पड़ रहा था जिसके चलते गांव के लोन परेशान थे और अपने सरपंच के पास जाते और उनसे कहते सूखे के लिए कुछ करवाए। तभी सरपंच लोगों से कहते सरकार हमको जीतनी मदत हो सके वह कर रही है पर क्या करे अगर बारिश ही आना बंद हो गया हो।

तभी लोगों में से किसी उन्हें सलाह दी की यहाँ से १०० किलोमीटर एक मंदिर है वह के जो पुजारी है वह हवन करवाते है और अगर उन्हें वर्षा वाला हवन करवा दिया तो आप के गांव में अवश्य वर्षा होंगी लेकिन आपको जाकर उनसे वहा पर मिलना होंगा। अब ग्यारा गांव के कुछ लोग इकठा हुए और सरपंचजी के साथ उस मंदिर गए।

सरपंच ने पुजारी से अपनी समस्या बताई तभी उन्होंने हवन का मुहूर्त निकाला और उन्हें बताया और पुजारी ने सरपंच से कहा ग्यारा गावों में से एक आदमी मेरे यहाँ आये हम वर्षा हवन करेंगे और देखना आपके यहाँ इसके बाद अवश्य वर्षा होंगी।

अब सभी ग्यारा गांव के लोग हवन करने के मुहूर्त पर पहुँच गए और हवन करने पुजारी के साथ बैठ गए तभी पुजारी एक व्यक्ति को बार-बार उसे देख रहे थे। तभी उन्होंने कहा की बुरा मत मानना यह जो हवन है वह सफल तो हुआ है पर सिर्फ एक गांव के लिए यह सुनकर बाकी के लोग घबरा गए और कहने लगे आप यह क्या कहने लगे है पुजारी जी।

लोगों ने पुजारी से पूछा पुजारी जी सिर्फ एक बारिश होंगी बाकि दस गावों में नहीं होंगी ऐसा क्या है उस गांव में तभी पुजारी ने कहा ये जो बही सहाब आप को दिखाई दे रहे है सिर्फ इनके गांव में बारिश होंगी। तभी लोगो ने उस व्यक्ति के तरफ देख कर पूछा ऐसा इनके गांव में क्या है तभी पुजारी बोले ध्यान से देखिए ये अपने साथ क्या लाए लोगों ने कहा जी छाता लाए है।

पुजारी ने कहा की सिर्फ इन्हे ही संपूर्ण विश्वास है की इनके गांव में बारिश जरूर होंगी और आप लोगों को तो विश्वास भी नहीं है की बारिश होंगी और सब को को लगा की किसी ने कह दिया है हवन करवाते है और मंदिर में चले जाते है। लेकिन इस व्यक्ति को लगा की यह एक एक मात्र उपाय है और अगर यह उपाय सफल हुआ तो सबकुछ अच्छा होंगा।

इसीलिए हवन में तो ग्यारह लोग बैठे हुए थे पर यह एक मात्र ऐसे व्यक्ति थे संपूर्ण भाव और विश्वास के साथ बैठे हुए थे और आप देख लेना सिर्फ इन्ही के गांव में बारिश आएँगी। अब ग्यारह लोग पुजारी को प्रणाम कर वहा से चल दिए और रास्ते में जाते समय बात कर रहे थे की ऐसा थोड़ी ना होंगा की सिर्फ एक ही गांव में बारिश आएँगी।

अब रास्ते में सबसे पहले उसी व्यक्ति का गांव आया था जिसके बारे में पुजारी ने कहा था की बारिश सिर्फ इनके गांव में होंगी। अब दस के दस लोग अपने-अपने गांव चले गए और ठीक कुछ दिनों बाद सिर्फ उस व्यक्ति के गावं में बारिश आयी क्यूंकि प्रभु भी कहते है की प्राथना से परस्थिति नहीं बदल सकती लेकिन चरित्र जरूर बदल जाता है और जब चरित्र बदल जाता है तो परिस्थिति भी अवश्य ही बदल जाती है।

सीख:-

इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की हम जो कुछ भी काम करते है उसमे विश्वास का होना बहुत जरुरी होता तभी आप उसमे सफल हो सकते हो।

आपको मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी कैसी लगी हमे कमेंट करके के जरूर बाताए और ऐसे ही अच्छी कहानिया Heart Touching Motivational Story In Hindi | मोटिवेशनल स्टोरी इन हिंदी पढ़ने के लिए Hindi Ki Story के साथ जुड़ते रहे ! आपका धन्यवाद !

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