Short Hindi Story For Class 4 With Moral:- हिंदी कहानियां काफी मनोरंजक होती है जो बच्चों और बढ़ो को अपने जीवन में कुछ न कुछ सीख देती है। हिंदी कहानियां काफी मनोरंजक होती है और आज इस लेख में हम कक्षा 4 के बच्चों के लिए Very short story in hindi लाये है जिन्हे पढ़ने के बाद उन्हें अच्छी सीख जरूर मिलेंगी।
यह कहानी बच्चों को पढ़ने में आसान और मनोरंजक लगेगी, साथ ही इससे उन्हें एक अच्छी सीख भी मिलेगी जो उन्हें जीवन सफल इंसान बनने में मदत करेंगी।
समय ही धन है – Short Hindi Story For Class 4 With Moral
अजय पाठशाला से घर लौटा तो माँ ने कहा बेटा क्या बात है। परीक्षा में प्रश्न पत्र ठीक नहीं था क्या तब अजय बोला माँ में स्कूल देर से पहुंचा मेरी बस छूट गयी थी। तब पिताजी बोले बेटा समय की परवाह करनी चाहिए और जीवन में समय का बड़ा महत्व होता है।
अजय बोला पिताजी समय नहीं रहने के वजहसे में पूरा प्रश्न पत्र हल नहीं कर पाया और आखरी प्रश्न रह गया। पिताजी बोले तुम्हे मालूम है वक्त पर स्टेशन ना पहुंचे तो गाडी छूट जाती है।
माँ ने कहा अजय ये सच है की समय के अभाव में अच्छे-अच्छे मौके हाथ से निकल जाते है अब पिताजी बोले इसीलिए बड़े-बूढ़े कह गए है की समय ही धन है और वह अनमोल है।
अजय ने कहा माँ अब में वादा करता हूँ में अपना हर काम समय पर करूंगा। माँ बोली बेटा सभी महा पुरुष समय के पाबंद थे जैसे महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, डॉ.बी.र.आंबेडकर अदि नेता समय के बड़े पाबंद थे वे अपना काम ठीक समय पर किया करते थे और उनके जीवन में आलस्य कोई स्थान नहीं था इसीलिए उन्हें जीवन में सफलता मिली थी।
पिताजी ने कहा ठीक है जो हुआ सो हुआ अजय तुम जाओ हाथ-मुँह धोकर नाष्टा कर लो।
सीख:-
समय बड़ा ही बलवान होता है क्यों की जो इंसान अपने जीवन में समय का सदुपयोग नहीं करता है उसके जीवन में हमेशा निराशा और असफलता होती है।
तीन मछलियाँ – Short Hindi Story For Class 4 With Moral
बहोत दिनों की बात है तीन मछलियां खूबसूरत तालाब में रहती थी। वो सभी बहोत अच्छे दोस्त थे और वे तालाब में अपना पूरा दिन तैर ते हुए ख़ुशी-ख़ुशी बिताते थे।
तीनों मछलियां अच्छी-अच्छी चीजे खाती थी जो पास ही के गावं से तालाब में बहकर आती थी। एक दिन दो मछुवारे तालाब के पास से गुजर रहे थे तभी उन्होंने तालाब में मछलिओं को देखा और पहला मछवारा दूसरे से कहने लगा वो देखो अगर ये सारी की सारी मछलियां तालाब के ऊपर आजाये तो मेरे ख़याल से इस तालाब में बहुत सारी मछलियां होंगी।
दूसरा मछुवारा बोला चलो वापस आते है अपने जालों के साथ और मछलियां पकड़ेंगे जीतनी मर्जी चाहे तभी पहला मछुवारा कहता है ये बड़ा अच्छा सुझाव है हम इन मछलिओं को पकड़कर बाजार में बेचेंगे और उनसे ढेर सारा पैसा कमाएंगे।
दुसरा मछुवारा कहता है तुम ठीक कहते हो हम कितने किस्मत वाले है चलो चलते है। मछुवारों की ये सारी बातें तीनो मछलियां घबरा जाती है और आपस में कहती है हमे लगता है हमे जल्दी तालाब छोड़ना चाहिए।
तीसरी मछली जो अभी तक चुप थी वो कहती है नहीं में इस तालाब को छोड़कर नहीं जाऊंगा क्यों की मेरा परिवार सालों से इस तालाब में रहता है और में ये भी चाहूंगा मेरा बच्चा भी इस तालाब में रहकर ही बड़ा हो।
तीनों मछलिओं में से दो मछलियां तालाब में ही रह ने का निर्णय लेती है और एक मछली तालाब को छोड़कर छोटे से झरने से दूसरी झील में चली जाती है। अब इस तालाब में सिर्फ दो दोस्त मछलियां रहती है।
दूसरे दिन सुबह दोनों मछुवारे बड़ा जाल लेकर तालाब पर आए और दोनों मछुवारे आगे बढे और उन्होंने मछलिओं को पकड़ने के लिए तालाब में जाल को फेका और सभी मछलियां उनके जाल में फस गयी।
दोनों मछलिओं में पहली मछली झटपटाने लगी और वह पानी से बाहर आयी और दूसरी मछली चुपचाप पड़ी रही और वह हिली भी नहीं ऐसा लगा जैसे वह मर गयी हो जब मछुवारे ने उसे देखकर उठाया तो उसे लगा की वह मर गया हो और उसे वापस तालाब में फेक दिया।
इस तरह मछवारे ने दोनों मछलिओं में से एक मछली को बाकि मछलिओं के साथ पकड़ लिया और दूसरी मछली अपना तेज दिमाग लगाकर मछवारों से बच निकला।
सीख:-
जीवन कभी भी संकट के समय हमे जोश में नहीं बल्कि होश में काम लेना चाहिए।
असली पढाई
टिंकू और रिंकू दोनों जुड़वा बही भाई-बहन थे और दोनों एक ही क्लास में एक ही साथ पड़ते थे। दोनों पढ़ने में बहोत अच्छे थे लेकिन टिंकू ही ज्यादा नंबर लाता था।
एक बार दोनों बच्चोने अपने पापा से साइकिल दिलाने की जिद की तो पापा ने एक शर्त रख दी और कहा मेरे पास एक ही साइकिल लाने का बजट है और तुम दोनों में से जो भी क्लास में टॉप करेंगा उसे ही साइकिल मिलेंगी।
पापा की बात सुनकर दोनों बच्चे पढाई में जुट गए लेकिन टिंकू कुछ ज्यादा ही स्मार्ट था उसे पता था की नंबर्स कैसे लाते है और वो सिर्फ उतना ही पड़ता जितना की एग्जाम में आने वाल है।
रिंकू को पढाई का शौक था इसीलिए वह पूरी की पूरी किताबे पढ़ा करती थी तभी टिंकू रिंकू से कहता है देखना साइकिल तो मुझेस ही मिलेंगी और तू जो इतना पढ़ रही है वह एग्जाम में नहीं आने वाला है।
रिंकू टिंकू से कहती तुझे ये सब कैसे पता तब टिंकू कहता है अरे ये देख पिछले तीन सालों के क्वेश्चन पेपर दिए है मुझे टूशन वाले सर ने और हमेशा इन्ही में से ही क्वेश्चन आते है।
रिंकू ने कहा ठीक है लेकिन मुझे नहीं लेना है कोई शार्टकट और एग्जाम में जो भी आयेंगा बुक्स में से ही आयेंगा अब मुझे पढ़ने दे डिस्टर्ब मत कर। दोनों बच्चोंने अपने-अपने तरीकों से पढाई की और एक्साम हो गया।
कुछ ही दिनों में रिजल्ट घोषित हुआ और वही हुआ जो हर बार होता था टिंकू ने टॉप किया और रिंकू सेकंड आगयी। अब टिंकू को साइकिल मिली वो बहुत खुश हुआ तभी माँ ने कहा टिंकू देखो ये तुम दोनों की साइकिल है और दोनों ने मिलकर इस साइकिल को चलाना है।
टिंकू कहा अब किसी की सुनने वाला था वो तो बस साइकिल लेकर चम्पत हो गया तभी उसी दिन शाम को टिंकू और रिंकू का रिजल्ट अच्छा आने की ख़ुशी में पूरा परिवार बाहर खाना खाने गया।
खाने के बाद जब ये बाहर आने लगे तभी दो लोग माइक और कैमेरा लेकर उनके सामने आये और कहने लगे हम लोग जीवन साइकिल का प्रमोशन कर रहे है बच्चों के लिए एक छोटा सा क्विज है और अगर सारे प्रश्न के उत्तर सही दिए तो जीवन की टॉप मॉडल की साइकिल गिफ्ट में मिलेंगी और साथ ही ये नया बैग और वाटर बॉटल भी मिलेंगी।
दोनों बच्चोने क्विज में भाग लिया और क्विज में जो सवाल थे वो सारे उनके बुक्स में से आये थे लेकिन एग्जाम पेपर बिलकुल अलग अब रिंकू ने अपनी बुक्स बड़ी ध्यान से पढ़ी हुई थी इसलिए उसने क्विज के सारे क्वेश्चन कुछ ही समय में हल कर दिए।
टिंकू ने बहोत कोशिश की लेकिन उसे जवाब नहीं आते थे अंत में उसने भी पेपर दे ही दिया और दोनों के पेपर देखने के बाद उन्होंने रिंकू को विजेता घोषित किया।
रिंकू को अब साइकिल और दूसरे गिफ्ट्स भी मिल गए वही टिंकू को मिली एक सीख और टिंकू अब समझ गया था की हमे सिर्फ नंबर्स के लिए नहीं पढ़ना चाहिए।
सीख:-
पढाई में कभी भी शॉर्टकट नहीं लेना चाहिए अगर हम पढाई में शार्टकट लेते है तो वह हमे हमेशा असफलता के मार्ग पर ही लेकर जाती है।
आपको Short Hindi Story For Class 4 With Moral कैसी लगी हमे कमेन्ट करके के जरूर बाताए और ऐसे ही हिंदी कहानियां Very short story in hindi पढ़ने के लिए Hindi Ki Story के साथ जुड़ते रहे ! आपका धन्यवाद !