भानगढ़ किले के निर्माण के दौरान एक तपस्वी के आश्रम को नुकसान पहुंचाया गया, जिससे क्रोधित होकर तपस्वी ने किले को श्राप दिया।

एक तांत्रिक राजकुमारी रत्नावती पर मोहित हो गया पर राजकुमारी के इनकार क्रोधित होकर तांत्रिक ने पूरे किले को श्राप कर दिया।

किले के अंदर मौजूद घरों में से किसी पर भी छत नहीं है।

कई लोगों का दावा है कि किले में अदृश्य शक्तियां निवास करती हैं।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने रात के समय किले में प्रवेश को सख्त मना किया है।

अफवाहों के अनुसार, कुछ लोग किले के अंदर रहस्यमय तरीके से लापता हो गए हैं।

कुछ लोग दावा करते हैं कि किले के अंदर दिशा बताने वाले यंत्र (कंपास) काम करना बंद कर देते हैं।

भानगढ़किले में कभी संगीत और हंसी की गूंज सुनाई देती थी, जो अचानक से रुक गई।

भानगढ़किले में किले में घूमने वालों को अक्सर एक अजीब अकेलेपन का एहसास होता है।